विज्ञापन

ऐसी दीवानगी! क्यों साउथ के सितारों को 'भगवान' मानते हैं फैंस, रजनीकांत-चिरंजीवी से विजय थलापति तक लंबी लिस्ट

साउथ फिल्म इंडस्ट्री में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश से लेकर तमिलनाडु और केरल तक अभिनेता से नेता बने सितारों को उनके प्रशंसक देवतुल्य समझते हैं, वो उन पर जान छिड़कते हैं. आइए जानते हैं इसकी वजह

ऐसी दीवानगी! क्यों साउथ के सितारों को 'भगवान' मानते हैं फैंस, रजनीकांत-चिरंजीवी से विजय थलापति तक लंबी लिस्ट
south superstars
नई दिल्ली:

South Film Stars Popularity : तमिलनाडु के करूर जिले में सिने स्टार विजय थलापति की रैली में शनिवार को फैंस का ऐसा सैलाब उमड़ा कि भगदड़ में कुछ ही वक्त में 39 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. साउथ में फिल्मी सितारों की ऐसी दीवानगी नई नहीं है. दक्षिण भारतीय फिल्म स्टार्स को लेकर फैंस में ऐसे जुनून देखने को मिलता है कि वो उन्हें भगवान से कम नहीं मानते. एमजी रामचंद्रन, जयललिता, एनटी रामाराव, चिरंजीवी, विजयकांत, पवन कल्याण, रजनीकांत, कमल हासन जैसी लंबी लिस्ट है, जिनके लिए जनता में ऐसी 'भक्ति' देखी जाती है, जिसे लफ्जों में बयां करना मुश्किल है. अभिनेता से नेता बनने के बावजूद उनका ये प्रेम कम नहीं होता.

दरअसल, साउथ इंडिया में सिनेमा सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं है. यही वजह है कि जैसे दक्षिण भारत में धार्मिक मान्यताओं को लेकर आम जनता में अटूट समर्पण और निष्ठा दिखती है, वैसे ही फिल्मी हस्तियों के लिए प्यार की भावनाएं प्रशंसकों के भीतर हिलोरें मारती रहती हैं. इसी प्यार का इजहार करने का जुनून दिखता है और जब वो अपने स्टार को खुद के बीच पाते हैं तो ये जन सैलाब किसी ज्वार भाटे की तरह फूट पड़ता है और ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसे देखने को मिलते हैं. 

अल्लू अर्जुन के शो में भी भगदड़ मची थी
हैदराबाद में पुष्पा फेम अल्लू अर्जुन की एक फिल्म के प्रीमियर में 4 दिसंबर 2024 को ऐसा ही हादसा हुआ था. इस भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई थी और अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार भी किया गया था. केरल में 2018 में दुलकर सलमान के एक शो में ऐसा ही हुआ था.तेलंगाना में 2013 में जूनियर एनटीआर के एक म्यूजिक रिलीज इवेंट में भी भगदड़ मची थी.  

रजनीकांत और राजनीति
दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत को उनके फैंस देवता की तरह पूजते हैं. रजनीकांत की भाजपा और डीएमके जैसे दलों से जुड़ने की अटकलें रही हैं. उन्होंने खुद राजनीतिक दल बनाने के संकेत भी दिए. थलैवा नाम से मशहूर रजनीकांत ने फैंस क्लब ही बनवाया तो बड़े बड़े नेताओं की रातों की नींद उड़ गई थी. हर राजनीतिक दल में चुनाव के वक्त उनका समर्थन पाने की होड़ रहती है.

एमजी रामचंद्रन (MGR)
मरुथर गोपालन रामचंद्रन यानी एमजी रामचंद्रन तमिल फिल्मों के सुपर स्टार थे. एमजीआर को लेकर फैंस में अजब सा पागलपन था. फिल्मों में अभिनय, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर में तहलका मचाने के बाद एमजीआर ने द्रविड़ मुन्नेड़ कणगम ज्वाइन की. लेकिन उनकी लोकप्रियता और प्रतिष्ठा को चोट पहुंची तो उन्होंने 1972 में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेड़ कणगम पार्टी बना ली. उन्हें भगवान की तरह मानने वाली तमिल जनता ने 5 साल बाद ही उसे सीएम बना दिया. वो तीन बार मुख्यमंत्री रहे. एमजीआर की 1987 में मौत के बाद हिंसा और सदमे में 59 लोग मारे गए. उनके अंतिम संस्कार में 10 लाख से ज्यादा भीड़ थी और उसमें 29 लोग मारे गए.

एनटी रामाराव (NTR)
एनटी रामाराव तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री का सबसे चमकता सितारा थे. उन्होंने 1949 में अभिनय शुरू किया. भगवान राम और  श्रीकृष्ण के किरदारों से जनता उन्हें भगवान जैसा मानने लगी. लंबे  फिल्मी करियर के बाद 1982 में उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (TDP) बनाई. NTR तीन बार मुख्यमंत्री रहे और 18 जनवरी 1996 को उनकी मृत्यु हुई. 

 जयललिता भी फिल्मों से राजनीति में
तमिल फिल्मों की सफल अभिनेत्री और एमजीआर की करीबी जयललिता भी सिने इंडस्ट्री से सियासत में आईं. 1982 में मुख्यमंत्री एमजीआर ने उन्हें एआइएडीएमके से राज्यसभा सांसद बनाया. 1987 में एमजीआर की मौत के बाद जब उनकी राजनीतिक विरासत को लेकर जंग छिड़ी तो जनता ने जयललिता पर आंख मूंदकर भरोसा किया. जयललिता 1991 से 2016 तक 5 बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं.प्रशंसक उन्हें अम्मा कहकर बुलाते थे.  5 दिसंबर 2016 को उनका निधन हो गया. दावा है कि अम्मा की मौत से सदमे में तमिलनाडु में कुछ दिनों के भीतर 597 लोगों की मौत हुई. एआईडीएमके ने खुद इसकी सूची जारी की और पीड़ित परिवारों को 3-3 लाख मुआवजे का ऐलान किया.

चिरंजीवी की लोकप्रियता
तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार चिरंजीवी भी रजनीकांत से कम लोकप्रिय नहीं हैं. चिरंजीवी ने अभिनय के साथ एमजीआर में प्रजा राज्यम पार्टी (Praja Rajyam Party) बनाई. आंध्र प्रदेश में 2009 के चुनाव में चिरंजीवी तिरुपति लोकसभा सीट से सांसद बने. हालांकि बड़ी सियासी सफलता न मिलने के बाद 2011 को उन्होंने पार्टी का कांग्रेस में विलय किया और यूपीए सरकार में मंत्री रहे.

पवन कल्याण की शोहरत
चिरंजीवी के छोटे भाई पवन कल्याण भी तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री _Telugu Film Industry) के मशहूर अभिनेता हैं. पवन कल्याण ने मार्च 2014 में जन सेना पार्टी बनाई और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी मैदान में उतरी, लेकिन बड़ी सफलता अभी उनसे दूर है. 

कमल हासन 2018 में नेता बने
साउथ के सुपरस्टार कमल हासन भी अपनी लोकप्रियता को भुनाने और DMK-AIADMK से अलग नया विकल्प बनाने के लिए राजनीति में उतरे. हासन ने 2018 में एमएनएम पार्टी बनाई. भ्रष्टाचार और परिवारवाद को उन्होंने बड़ा मुद्दा बनाया. एमएनएम ने 2019 लोकसभा चुनाव में 37 सीटों पर चुनाव लड़कर 4 फीसदी वोट हासिल किए और बड़ी पार्टियों का खेल बिगाड़ा.

फिल्मी विश्लेषकों का कहना है कि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक हो या केरल... वहां की फिल्मों में स्थानीय धार्मिक-सांस्कृतिक मान्यताओं और परंपराओं को लेकर अगाध श्रद्धा दिखती है. फिल्म इंडस्ट्री और उनके कलाकार भी फिल्मी परदे पर ऐसी भावनाओं से कतई खिलवाड़ नहीं करते. यही वजह है कि दक्षिण भारत में धर्म, सामाजिक रीति-रिवाज, खान-पान, भाषा और रहन-सहन को लेकर जो परंपराएं लंबे वक्त से चली आ रही हैं. उन्हें रुपहले पर्दे पर जीने वाले अभिनेता भी जनता के बीच देवतुल्य हो जाते हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com