मुख्तार अब्बास नकवी (फाइल फोटो)
अलवर:
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि तीन तलाक के खिलाफ विधेयक के मसौदे पर सरकार ने लोगों से अपने सुझाव देने को कहा था. नरेंद्र मोदी सरकार ने मुस्लिम महिला (वैवाहिक अधिकार सुरक्षा) विधेयक-2017 का मसौदा तैयार किया है जिसमें तीन तलाक को आपराधिक मामला करार देते हुए तीन साल तक कारावास की सजा व जुर्माने का प्रावधान किया गया है. हालांकि मौलवियों और मुस्लिम संगठनों का कहना है कि उनके पर्सनल लॉ में 'दखल' देने वाले विधेयक का मसौदा तैयार करने में उनसे संपर्क नहीं किया गया.
इसपर जवाब देते हुए नकवी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'हमने प्रस्तावित विधेयक पर विभिन्न लोगों से उनके सुझाव मांगे थे. इस्लाम में एक बार में तीन तलाक जैसा कुछ भी नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'दंड संबंधी प्रावधानों के अतिरिक्त नये कानून में तलाकशुदा महिलाओं की वित्तीय सुरक्षा के लिए भी प्रावधान होंगे और यह कानून उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेगा.'
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मंत्री ने बताया कि विधेयक संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. इस साल अगस्त में सर्वोच्च न्यायालय ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया था. इसके बावजूद यह परंपरा अब तक जारी है. इसलिए सरकार यह विधेयक लाई है. किशनगढ़ बास गांव में 'प्रगतिशील पंचायत' को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि मोदी सरकार बिना किसी तुष्टीकरण के अल्पसंख्यकों के सामाजिक व आर्थिक समेत सर्वागीण विकास के लिए काम कर रही है.
केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्प संख्यकों की हिस्सेदारी पांच फीसदी थी, जो 2017 में बढ़कर 10 फीसदी हो गई है. इस साल सिविल सेवा परीक्षा में अल्पसंख्यक समुदाय के 120 युवाओं का चयन हुआ जिसमें 52 मुस्लिम समुदाय के हैं. नकवी ने कहा कि सत्ता के गलियारे में 'लूट लॉबी' पर रोक लगने से यह सुनिश्चित हुआ है कि सरकारी धन का पाई-पाई जरूरतमंद लोगों के कल्याण पर खर्च होगा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार विकास के एजेंडे पर किसी बाधाकारी एजेंडे को हावी होने नहीं देगी. 2016 में मेवात से शुरू की गई प्रगतिशील पंचायत का आयोजन उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में भी किया गया है.
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केंद्रीय मंत्री ने यहां 11 करोड़ की लागत से विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधार शिला रखी, जिसमें दौगाड़ा में अल्पसंख्यक समुदाय के लड़कों के लिए छात्रावास, बमबोरा में लड़कियों के लिए छात्रावास किशनगढ़ बास में सदभाव मंडप और बमबोराघाट से रैबका चौकी तक सड़क का चौड़ीकरण शामिल है. उन्होंने राटाखुर्द महोंद, सिरमोली, हरसाना और ककराली मेव में सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, छौपंकी में स्वास्थ्य केंद्र और गोटोली व रैखेड़ा में उप स्वास्थ्य केंद्रों का भी उद्घाटन किया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इसपर जवाब देते हुए नकवी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'हमने प्रस्तावित विधेयक पर विभिन्न लोगों से उनके सुझाव मांगे थे. इस्लाम में एक बार में तीन तलाक जैसा कुछ भी नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'दंड संबंधी प्रावधानों के अतिरिक्त नये कानून में तलाकशुदा महिलाओं की वित्तीय सुरक्षा के लिए भी प्रावधान होंगे और यह कानून उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेगा.'
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मंत्री ने बताया कि विधेयक संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. इस साल अगस्त में सर्वोच्च न्यायालय ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया था. इसके बावजूद यह परंपरा अब तक जारी है. इसलिए सरकार यह विधेयक लाई है. किशनगढ़ बास गांव में 'प्रगतिशील पंचायत' को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि मोदी सरकार बिना किसी तुष्टीकरण के अल्पसंख्यकों के सामाजिक व आर्थिक समेत सर्वागीण विकास के लिए काम कर रही है.
केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्प संख्यकों की हिस्सेदारी पांच फीसदी थी, जो 2017 में बढ़कर 10 फीसदी हो गई है. इस साल सिविल सेवा परीक्षा में अल्पसंख्यक समुदाय के 120 युवाओं का चयन हुआ जिसमें 52 मुस्लिम समुदाय के हैं. नकवी ने कहा कि सत्ता के गलियारे में 'लूट लॉबी' पर रोक लगने से यह सुनिश्चित हुआ है कि सरकारी धन का पाई-पाई जरूरतमंद लोगों के कल्याण पर खर्च होगा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार विकास के एजेंडे पर किसी बाधाकारी एजेंडे को हावी होने नहीं देगी. 2016 में मेवात से शुरू की गई प्रगतिशील पंचायत का आयोजन उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में भी किया गया है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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