विज्ञापन
This Article is From Mar 19, 2013

सोनिया ने की श्रीलंका में मानवाधिकार हनन मामलों की विश्वसनीय जांच की मांग

सोनिया ने की श्रीलंका में मानवाधिकार हनन मामलों की विश्वसनीय जांच की मांग
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने श्रीलंका में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की ‘‘स्वतंत्र और विश्वासनीय’’ जांच की मंगलवार को मांग की। हालांकि उन्होंने संप्रग सरकार के प्रमुख घटक द्रमुक के सरकार से समर्थन वापस लेने मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इनकार कर दिया।

सोनिया ने यहां कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में श्रीलंकाई तमिलों को उनके ‘‘वैधानिक राजनीतिक अधिकारों से वंचित’’ किए जाने पर दुख और पीड़ा जताई।

श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर सोनिया गांधी की यह टिप्पणी द्रमुक द्वारा संप्रग सरकार से समर्थन वापस लिए जाने की घोषणा के पहले आई।

बाद में द्रमुक के समर्थन वापस लिए जाने के संबंध में पूछे जाने पर सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘अभी मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है।’’ उन्होंने बैठक में कहा, ‘‘श्रीलंका में तमिलों की दुर्दशा का मुद्दा हमारे दिल से जुड़ा हुआ है। इंदिराजी और राजीवजी के समय से ही उनके लिए समान अधिकार तथा कानून के तहत समान संरक्षण को हमारा दृढ़ समर्थन रहा है।’’

अपने चार पन्ने के भाषण में सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘जिस तरीके से लगातार उनके वैधानिक राजनीतिक अधिकार छीने जा रहे हैं, उससे हमें बेहद पीड़ा है। हम नागरिकों और बच्चों पर, विशेषकर 2009 के संघर्ष के अंतिम दिनों में ढहाए गए बेहिसाब अत्याचारों संबंधी खबरों पर दुखी हैं।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव और उसके पहले इस वर्ष कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पूर्व पार्टी के समक्ष चुनौतियों की भी चर्चा की। साथ ही उन्होंने बलात्कार विरोधी विधेयक और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए लोकपाल जैसे विधेयकों को पारित कराए जाने की भी चर्चा की।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com