अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्ट-अप स्काईरूट एयरोस्पेस ने निजी रूप से निर्मित भारत के पहले उपग्रह प्रक्षेपण यान ‘विक्रम-1' रॉकेट के तीसरे चरण स्तर का पूर्ण अवधि वाला प्रक्षेपण परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया. पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर इस चरण को ‘कलाम-100' नाम दिया गया है.
स्काईरूट एयरोस्पेस के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवन कुमार चांदना ने बताया, ‘‘परीक्षण पांच मई को नागपुर में किया गया.''
रॉकेट के इस चरण को बेहद मजबूत कार्बन फाइबर के ढांचे, ईपीडीएम ऊष्मा सुरक्षा प्रणाली और ठोस ईंधन के उपयोग से तैयार किया गया है. चांदना ने कहा कि यह बहुत ही विश्वसनीय चरण है.
उन्होंने कहा, ‘‘इस चरण का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है और यह सफलता हमें रॉकेट के अन्य चरण की दिशा में आगे बढ़ने का भरोसा देगी, अन्य चरणों का भी जल्द परीक्षण किया जाएगा.''
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं