झीरम हत्याकांड मामले में SIT की जांच शुरू, बस्तर में बारीकी से कर रही छानबीन

झीरम हत्याकांड मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने जो एसआईटी गठित की थी उसने जांच शुरू कर दी है, एसआईटी की टीम बस्तर में ही तैनात रहकर मामले की बारीकी से छानबीन कर रही है. इस मामले पर राजनीति भी अपने चरम पर है.

झीरम हत्याकांड मामले में SIT की जांच शुरू, बस्तर में बारीकी से कर रही छानबीन

प्रतीकात्मक तस्वीर

बस्तर:

झीरम हत्याकांड मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने जो एसआईटी गठित की थी उसने जांच शुरू कर दी है, एसआईटी की टीम बस्तर में ही तैनात रहकर मामले की बारीकी से छानबीन कर रही है. इस मामले पर राजनीति भी अपने चरम पर है. कांग्रेस पहले से ही एनआईए की जांच पर सवाल उठाती रही है. झीरम कांड की एसआईटी जांच के लिये दरभा थाने में अर्जी दी गई, एनआईए ने अलग से जांच से इंकार किया तो राज्य सरकार ने जांच एसआईटी को सौंप दी थी.

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बस्तर जिले की झीरम घाटी में 25 मई, 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 29 लोगों की मृत्यु हो गई थी. एनआईए ने मामले की जांच की लेकिन 7 साल बाद अब राज्य की एसआईटी सवालों के जवाब ढूंढ रही है.

बस्तर के आईजी पी सुंदरराज ने कहा, ''25 मई 2013 को जो लोग मौजूद थे उनके बयान दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है ताकि घटना की एक एक चीज जोड़ सकें, किसी गवाह की सुरक्षा को लेकर चिंता है तो पुलिस कार्रवाई करेगी.''

नये सबूतों की तलाश में मलकीत सिंह जैसे पुराने गवाहों को एक बार फिर घटना स्थल पर लेकर जाया जा रहा है और उनसे बयान लिए जा रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व महासचिव मलकीत सिंह गैदु ने कहा, ''हमें एनआईए की जांच पर भरोसा नहीं हैं, हमारी सरकारी बनते ही एसआईटी गठन किया है. तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह, मुकेश गुप्ता को सामने आकर नार्को टेस्ट की मांग करनी चाहिए.

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इस मामले में कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी पलटवार कर रही है. बीजेपी के पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा, ''इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी और लोगों के अभिमत अलग हैं, लोग कैसे तथ्यों को छिपा रहे हैं इसपर भी जाना चाहिये, हमारे लोग शहीद हुए ये दुर्भाग्यपूर्ण है किसी के कहने पर नहीं स्व स्फूर्त.

कब क्या हुआ था?

- 25 मई 2013 झीरम हमला हुआ था
- 26 मई 2013 दरभा में हमले के संबंध में एफआईआर हुई दर्ज
- 27 मई 2013 को मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई
- 24 सितंबर 2014 को एनआईए ने चार्जशीट दायर की
- 88 नक्सलियों को घटना में शामिल बताते हुए, 9 के खिलाफ नामजद चार्जशीट पेश की गई
- 2 जनवरी 2019 को भूपेश बघेल सरकार ने 10 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया
- 25 मई 2020 झीरम पीड़ितों की शिकायत पर दरभा में नई एफआईआर दर्ज हुई

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जगदलपुर से विकास और कैमरापर्सन रिजवान के साथ अनुराग द्वारी की रिपोर्ट