- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम हमले के आरोपियों की पूरी क्राइम कुंडली सामने रखी.
- अमित शाह ने भारतीय जवानों द्वारा आतंकियों को मार गिराने की घटनाओं का समय और स्थान सहित पूरा विवरण दिया.
- लोकसभा में अमित शाह और सपा नेता अखिलेश यादव के बीच बहस के दौरान अमित शाह ने उन्हें बैठने को कहा.
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर जारी महाबहस के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहलगाम हमले के आरोपी आतंकियों की क्राइम कुंडली खोल कर रख दी. उन्होंने भारतीय जवानों द्वारा आतंकियों को मार गिराए जाने की पूरी डिटेल सामने रख दी. विपक्ष की ओर मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा, 'मैं बताता हूं कि कैसे इनके आका मारे गए हैं. मैं नाम और जगह से साथ बताता हूं. घंटे, मिनट और सेकेंड के साथ बताता हूं.
उन्होंने कहा, 'मैं अपेक्षा करता था कि जब यह सूचना सुनेंगे तो पक्ष-विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी, लेकिन स्याही पड़ गई इनके चेहरे पर. क्या आतंकवादी मारे गए, इसका भी आनंद नहीं है.'
'अखिलेश जी बैठ जाइए यार'
लोकसभा में अखिलेश और अमित शाह में बहस देखने को मिली. सपा नेता और सांसद अखिलेश यादव के खड़े होने पर उन्होंने कहा, 'अखिलेश जी बैठ जाइए यार... अखिलेश जी बैठ जाइए.'

समय, तारीख, जगह... शाह ने सब बताया
अमित शाह ने कहा, 'किसी को संशय रखने की जरूरत नहीं है. बैलस्टिक रिपोर्ट मेरे पास है. मेरे हाथ में है. 6 वैज्ञानिकों ने इसे क्रॉसचेक किया है. सुबह चार बजकर 46 मिनट पर सभी 6 ने वीडियो फोन पर कहा कि 100 फीसदी वही गोलियां हैं, जो वहां चलाई गई हैं.'
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अमित शाह
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, 'किसी को संशय रखने की जरूरत नहीं है. बैलस्टिक रिपोर्ट मेरे पास है. मेरे हाथ में है. 6 वैज्ञानिकों ने इसे क्रॉसचेक किया है. सुबह चार बजकर 46 मिनट पर सभी 6 ने वीडियो फोन पर कहा कि 100 फीसदी वही गोलियां हैं, जो वहां चलाई गई हैं.'
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NIA, सेना, पुलिस, CRPF, BSF की सराहना
अमित शाह ने कहा, NIA विश्वमान्य जांच एजेंसी है, जिसकी सजा करवाने की दर 96 पर्सेंट से ज्यादा है. हमने तुरंत इस मामले की जांच एनआईए को दी. सेना, पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ ने पूरा इंतजाम किया कि ये लोग देश छोड़कर भाग न जाएं.

1055 लोग, 3000 घंटे पूछताछ
उन्होंने कहा, 'एक थकाने वाली बहुत लंबी जांच हुई. मृतकों के परिजनों, पर्यटकों, खच्चरवालों, फोटग्राफर, कर्मचारियों, दुकान में काम करने वाले लोगों से पूछताछ हुई. कुल मिलाकर 1055 लोगों की 3000 घंटे से ज्यादा की पूछताछ की गई. इनसे सारी सूचनाएं ली गईं और वीडियो रेकॉर्ड किया गया. पूछताछ के आधार पर स्केच बनाया गया.
'...और पुष्ट हुआ कि ये वही आतंकी थे'
स्केच के आधार पर तलाश शुरू हुई. ढूंढते-ढूढते बशीर और परवेज की पहचान की गई, जिसने आतंकी हमले के पहले दिन आतंकियों को शरण दी थी. वे अभी गिरफ्तार हैं. दोनों ने खुलासा किया कि 21 अप्रैल की रात को 8 बजे तीन आतंकी बैसरन से करीब 2 किमी दूर परवेज ढोक में आए थे. आतंकियों के पास एके 47 और एम 9 कार्बाइन थी. दोनों ने काली पोशाक पहनी थी और एक छद्म वेश में था.
शाह ने कहा, 'उस वक्त जिन खोखों को रिकवर किया था, उसे चंडीगढ़ एफएसएल में टेस्टिंग में भेजा गया. उसी राइफल से आतंकी हमला हुआ था. वह भी साबित हुआ.'
इसके बाद स्केच बनाया गया. गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों ने उन्होंने तीनों आतंकियों की मृत देह को पहचान लिया है. उनका साथ देने वाले साथियों ने भी पहचान लिया है. एफएलएल की पुष्टि भी सुबह हो गई. इस हमले में तीनों पाकिस्तानी आतंकी थे. हमले में दो एके 47 और एक एम-9 कार्बाइन का इस्तेमाल किया गया था.
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