नई दिल्ली:
सीबीआई संदिग्ध आतंकवादियों अमजद अली राणा और जीशान जौहर की राष्ट्रीयता का पता लगा रही है जो मुठभेड़ में इशरत जहां के साथ मारे गए थे।
सीबीआई के निदेशक रणजीत सिन्हा ने गुरुवार को कहा, ‘‘हम दो लोगों की राष्ट्रीयता का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं जो मुठभेड़ में मारे गए थे। इसलिए हमने अखबारों में विज्ञापन दिए ताकि अगर किसी को उनके बारे में सूचना है तो वे आगे आएं और उनकी पहचान करें।’
मामले की जांच कर रही सीबीआई इशरत और जावेद के बारे में विस्तृत जानकारी जुटा चुकी है और तीन जुलाई को दायर आरोप-पत्र में इसने उनके रिश्तेदारों और जानकार लोगों के बयान शामिल किए हैं।
गवाहों की ओर से दिए गए बयानों में राणा की अलग-अलग लोगों ने अलग-अलग नाम से पहचान की है।
एजेंसी जौहर और राणा के बारे में अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। अपने आरोप-पत्र में इसने दोनों के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी है न ही गुजरात में उनकी उपस्थिति की मंशा के बारे में जानकारी दी है।
मुठभेड़ के षड्यंत्र के बारे में पता चलते ही सीबीआई मामले में पूरक आरोप-पत्र दायर कर सकती है।
एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर के उर्दू अखबारों में जौहर और राणा के फोटोग्राफ सहित उनके विज्ञापन प्रकाशित किए थे, जो अहमदाबाद में 2004 में गुजरात पुलिस की अपराध शाखा के साथ मुठभेड़ में इशरत और जावेद के साथ मारे गए थे।
विज्ञापन में बताया गया, ‘तस्वीर में दोनों लोग अहमदाबाद में 15 जून 2004 को मुठभेड़ में मारे गए बताए जाते हैं। सीबीआई मामले की जांच कर रही है। अगर किसी के पास इनके बारे में पर्याप्त जानकारी हो तो उनकी वास्तविक पहचान बताएं, उन्हें पांच लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा।’
सीबीआई के निदेशक रणजीत सिन्हा ने गुरुवार को कहा, ‘‘हम दो लोगों की राष्ट्रीयता का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं जो मुठभेड़ में मारे गए थे। इसलिए हमने अखबारों में विज्ञापन दिए ताकि अगर किसी को उनके बारे में सूचना है तो वे आगे आएं और उनकी पहचान करें।’
मामले की जांच कर रही सीबीआई इशरत और जावेद के बारे में विस्तृत जानकारी जुटा चुकी है और तीन जुलाई को दायर आरोप-पत्र में इसने उनके रिश्तेदारों और जानकार लोगों के बयान शामिल किए हैं।
गवाहों की ओर से दिए गए बयानों में राणा की अलग-अलग लोगों ने अलग-अलग नाम से पहचान की है।
एजेंसी जौहर और राणा के बारे में अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। अपने आरोप-पत्र में इसने दोनों के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी है न ही गुजरात में उनकी उपस्थिति की मंशा के बारे में जानकारी दी है।
मुठभेड़ के षड्यंत्र के बारे में पता चलते ही सीबीआई मामले में पूरक आरोप-पत्र दायर कर सकती है।
एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर के उर्दू अखबारों में जौहर और राणा के फोटोग्राफ सहित उनके विज्ञापन प्रकाशित किए थे, जो अहमदाबाद में 2004 में गुजरात पुलिस की अपराध शाखा के साथ मुठभेड़ में इशरत और जावेद के साथ मारे गए थे।
विज्ञापन में बताया गया, ‘तस्वीर में दोनों लोग अहमदाबाद में 15 जून 2004 को मुठभेड़ में मारे गए बताए जाते हैं। सीबीआई मामले की जांच कर रही है। अगर किसी के पास इनके बारे में पर्याप्त जानकारी हो तो उनकी वास्तविक पहचान बताएं, उन्हें पांच लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा।’
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