बाम्बे हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
मुंबई:
मुम्बई के शिवाजी पार्क में शिवसेना की दशहरा रैली के आयोजन की अनुमति मिल गई है। इस बारे में बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पिछले 3 साल से अनुमति दी जा रही है, लिहाजा इस साल अनुमति न देने की कोई वजह नहीं है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए इजाजत
शिवसेना पिछले 50 सालों से हर साल दशहरे के मौके पर मुम्बई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क मैदान में सभा का आयोजन करती आ रही है। इस खेल के मैदान को साइलेंस जोन में तब्दील किए जाने के बाद से यहां किसी भी आयोजन पर कड़े प्रतिबंध लगे हुए हैं। खेल का मैदान होने के कारण इस जगह पर सभा के आयोजन पर पाबंदी थी। इससे छूट पाने के लिए शिवसेना ने अपनी रैली को सांस्कृतिक कार्यक्रम कहकर अनुमति मांगी, जो उन्हें मिल गई है।
मनसे की दाल नहीं गली
राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने शिवसेना की याचिका को आधार बनाते हुए हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की। पार्टी की तरफ से याचिकाकर्ता और बीएमसी में गुट नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि शिवसेना की तरह मनसे को भी इसी मैदान पर सम्मलेन की अनुमति मिलनी चाहिए।
हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए कहा कि शिवसेना को केवल इस साल की अनुमति देते हुए पिछले 3 साल से जारी नियम शर्तों का पालन करना होगा। साथ ही समय सीमा का आयोजक ध्यान रखें। रैली में आवाज से स्थानीय निवासियों को परेशानी न हो। नियमों का पालन न होने पर राज्य सरकार और बीएमसी जरूरी कार्रवाई करें।
23 नवंबर को अंतिम सुनवाई
शिवाजी पार्क का मैदान खेल के कार्यक्रमों के लिए आरक्षित है। पिछले साल इस आरक्षण में संशोधन किया गया। इसके बाद अब साल के 45 दिन इस मैदान पर खेलों के अलावा अन्य कार्यक्रमों का आयोजन हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में 23 नवम्बर 2015 को शिवाजी पार्क में रैली के आयोजन पर अंतिम सुनवाई रखी गई है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए इजाजत
शिवसेना पिछले 50 सालों से हर साल दशहरे के मौके पर मुम्बई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क मैदान में सभा का आयोजन करती आ रही है। इस खेल के मैदान को साइलेंस जोन में तब्दील किए जाने के बाद से यहां किसी भी आयोजन पर कड़े प्रतिबंध लगे हुए हैं। खेल का मैदान होने के कारण इस जगह पर सभा के आयोजन पर पाबंदी थी। इससे छूट पाने के लिए शिवसेना ने अपनी रैली को सांस्कृतिक कार्यक्रम कहकर अनुमति मांगी, जो उन्हें मिल गई है।
मनसे की दाल नहीं गली
राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने शिवसेना की याचिका को आधार बनाते हुए हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की। पार्टी की तरफ से याचिकाकर्ता और बीएमसी में गुट नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि शिवसेना की तरह मनसे को भी इसी मैदान पर सम्मलेन की अनुमति मिलनी चाहिए।
हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए कहा कि शिवसेना को केवल इस साल की अनुमति देते हुए पिछले 3 साल से जारी नियम शर्तों का पालन करना होगा। साथ ही समय सीमा का आयोजक ध्यान रखें। रैली में आवाज से स्थानीय निवासियों को परेशानी न हो। नियमों का पालन न होने पर राज्य सरकार और बीएमसी जरूरी कार्रवाई करें।
23 नवंबर को अंतिम सुनवाई
शिवाजी पार्क का मैदान खेल के कार्यक्रमों के लिए आरक्षित है। पिछले साल इस आरक्षण में संशोधन किया गया। इसके बाद अब साल के 45 दिन इस मैदान पर खेलों के अलावा अन्य कार्यक्रमों का आयोजन हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में 23 नवम्बर 2015 को शिवाजी पार्क में रैली के आयोजन पर अंतिम सुनवाई रखी गई है।
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