
शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की समस्या को लेकर उपवास शुरू करने का ऐलान किया है
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शनिवार से उपवास शुरू कर रहे हैं शिवराज सिंह चौहान
माकपा का तंज- 'करे गली में कत्ल बैठ चौराहे पर रोएं'
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के कदम को केजरीवाल जैसी नौटंकी बताया
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि प्रदेश में किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं. उनका समाधान करने के बजाय एक संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री नौटंकी पर उतर आए हैं. केजरीवाल शैली की इस नौटंकी में चौहान एक बार फिर करोड़ों रुपये खर्च करेंगे.
उन्होंने सवाल किया, "यह अनिश्चितकालीन उपवास किसके विरुद्ध है, अपनी ही सरकार या जनता के. वह केजरीवाल शैली की इस नौटंकी में अपनी ब्रांडिंग पर करोड़ों रुपये खर्च करने वाले हैं. सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री एक बार फिर मूल मुद्दे से ध्यान हटाने और प्रदेश की जनता को गुमराह करने के सस्ते हथकंडे पर उतर आए हैं."
अजय सिंह ने बताया कि एक बार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वर्ष 2011 में ऐसी ही नौटंकी करने के लिए भेल दशहरा मैदान में बैठने वाले थे. तब संवैधानिक संकट खड़ा होने पर उन्होंने अपना कदम वापस खींच लिया था, तब तक उनकी नौटंकी की व्यवस्था पर सरकार के पचास लाख रुपये खर्च हो चुके थे.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव बादल सरोज ने कहा कि किसानों की हत्या के बाद भी उन्हें अपशब्द कहने वाली सरकार के मुख्यमंत्री का शांति बहाली के नाम पर उपवास का ऐलान एक शुद्ध राजनीतिक पाखंड है. पीड़ित, आंदोलित और शोक संतप्त परिवारों के घावों पर नमक छिड़कना है. यह तो ठीक वैसा ही है 'करें गली में कत्ल बैठ चौराहे पर रोएं."
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सात जून से रोज करोड़ों रुपयों के विज्ञापन के जरिए समस्या सुलझा चुकने का दावा कर रहे थे. अब किसानों की मांगों के समाधान की सदिच्छा व्यक्त कर रहे हैं।.उन्हें यदि असल में अफसोस है तो इस्तीफा दें, उसके बाद प्रायश्चित उपवास पर जाएं.
(इनपुट आईएएनएस से)
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