विज्ञापन
This Article is From Aug 13, 2018

PM मोदी के इंटरव्यू को शिवसेना ने बताया 'प्रोपेगंडा', कहा- सिर्फ चीन और रूस में होता है एकतरफा संवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू पर सोमवार को पहली प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने इसे 'विशुद्ध प्रोपेगंडा' बताया.

PM मोदी के इंटरव्यू को शिवसेना ने बताया 'प्रोपेगंडा', कहा- सिर्फ चीन और रूस में होता है एकतरफा संवाद
शिवसेना ने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले चार साल में एक भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं की.
मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू पर सोमवार को पहली प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने इसे 'विशुद्ध प्रोपेगंडा' बताया. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना', 'दोपहर का सामना' में पार्टी ने कहा है, 'पत्रकार पीएमओ में प्रश्न भेजते हैं, जिसका लिखित जवाब दिया जाता है. कई इसे एक इंटरव्यू के रूप में बताते हैं. दूसरे शब्दों में यह प्रोपेगंडा है.' पार्टी ने कहा, 'यह चीन, रूस और वामपंथी देशों में होता है, एकतरफा संवाद.' शिवसेना ने कहा कि अगर सीधी बातचीत हुई होती तो उसमें कई प्रकार के प्रश्न पूछे गए होते और इंटरव्यू करने वाला किसी भी तरह के 'फर्जी बयान' को पकड़ लिया होता. 'पत्रकारों को यह आजादी अवश्य दी जानी चाहिए.'

यह भी पढ़ें : क्या बीजेपी सरकार सही समय आने पर आरक्षण खत्म कर देगी? जानें फिर पीएम मोदी ने क्या दिया जवाब

शिवसेना ने कहा, 'मौजूदा प्रधानमंत्री इस परंपरा को समाप्त कर देना चाहते हैं. उन्हें जो उचित लगता है, उसी का जवाब देते हैं और इंटरव्यू को उसी हिसाब से प्रकाशित किया जाता है.' शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री ने साक्षात्कार में कहा कि एक वर्ष में 70 लाख नौकरियां सृजत हुईं, जिसमें सितंबर 2017 और अप्रैल 2018 के बीच 45 लाख नौकरियों का सृजन हुआ. 

यह भी पढ़ें :  रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों का PM मोदी ने दिया यह जवाब

शिवसेना ने कहा, 'अगर यह इंटरव्यू आमने-सामने होता तो, पत्रकार को यह पूछने का अवसर मिल सकता था कि किस क्षेत्र में इन नौकरियों का सृजन हुआ है और कैसे इस दावे की पुष्टि हुई है.' शिवसेना ने कहा, 'अगर इतनी नौकरियों का सृजन हो रहा है, तो क्यों बेरोजगार युवा बेरोजगारी और नौकरियों में आरक्षण को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं.' पार्टी ने कहा है कि नोटबंदी के बाद संगठित और असंगठित क्षेत्रों में काफी ज्यादा नौकरियां समाप्त हुई हैं.

यह भी पढ़ें :  जानें, संसद में राहुल गांधी के गले मिलने के अंदाज पर पहली बार पीएम मोदी ने क्या कहा

शिवसेना ने कहा है, 'मुंबई के महत्वपूर्ण नौकरी सृजन क्षेत्र जैसे निर्माण, उत्पादन, सेवा क्षेत्र अब वीरान हो गए हैं.'
उन्होंने कहा, 'हाल ही में मराठा प्रदर्शन के दौरान, औरंगाबाद और पुणे में 500 कारखानों पर हमला किया गया. सरकार की नीतियों को धन्यवाद.' सामना के अनुसार, 'पिछले चार वर्षो में प्रधानमंत्री ने एक भी संवाददाता सम्मेलन आयोजित नहीं किया है, लेकिन अपने मन की बात एक रेडियो कार्यक्रम के जरिए जाहिर करते हैं, जिसके बारे में मीडिया रिपोर्ट करता है. लेकिन इससे मोदी को कोई प्रतिष्ठा नहीं मिली.'

VIDEO : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और मोदी पर साधा निशाना

पार्टी के अनुसार, '2014 चुनाव से पहले, मोदी मीडिया के दोस्त थे, लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद, वह एक पिंजरे में बंद हो गए हैं. अगर यह चलता रहा, तो कई पत्रकारों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ सकती हैं.' 

(इनपुट: IANS)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com