शत्रुघ्न सिन्हा का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
बीजेपी में बाग़ी तेवर अपनाने वाले सांसद शत्रुघ्न सिन्हा पर लिखी गई किताब 'एनीथिंग बट ख़ामोश' का बुधवार को दिल्ली में विमोचन हुआ। बिहार में चुनाव अभियान में अपनी अनदेखी का दर्द शत्रुघ्न सिन्हा खुद भी छुपा नहीं पाए।
उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में उन्हें प्रचारक नहीं बनाया गया, जिस पर कुछ लोगों ने कहा कि इसका खामियाज़ा पार्टी को भुगतना पड़ेगा और ऐसा हुआ भी। शत्रुघ्न सिन्हा ने ये बात बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और यशवंत सिन्हा की मौजूदगी में कही।
(पढ़ें, शत्रुघ्न सिन्हा की जिंदगी के सबसे बड़े गम से क्या है राजेश खन्ना का नाता)
विमोचन के मंच पर पार्टी में दरार और कई वरिष्ठ नेताओं को हाशिए पर डाल देने की टीस साफ़ नज़र आई। यशवन्त सिन्हा ने बुज़ुर्गों की अनदेखी का सवाल भी उठाया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि 75 साल होने के बाद आदमी ब्रेन डेड हो जाता है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर बिहार चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा और पार्टी के चुनावी अभियान में शामिल किया जाता तो वो पार्टी के लिए कुछ वोट जुटा सकते थे।
(ये भी पढ़ें- शत्रुघ्न बोले- उम्मीद है, पार्टी बदलने संबंधी ज्योतिषी की भविष्यवाणी सही नहीं होगी)
उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में उन्हें प्रचारक नहीं बनाया गया, जिस पर कुछ लोगों ने कहा कि इसका खामियाज़ा पार्टी को भुगतना पड़ेगा और ऐसा हुआ भी। शत्रुघ्न सिन्हा ने ये बात बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और यशवंत सिन्हा की मौजूदगी में कही।
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विमोचन के मंच पर पार्टी में दरार और कई वरिष्ठ नेताओं को हाशिए पर डाल देने की टीस साफ़ नज़र आई। यशवन्त सिन्हा ने बुज़ुर्गों की अनदेखी का सवाल भी उठाया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि 75 साल होने के बाद आदमी ब्रेन डेड हो जाता है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर बिहार चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा और पार्टी के चुनावी अभियान में शामिल किया जाता तो वो पार्टी के लिए कुछ वोट जुटा सकते थे।
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