नई दिल्ली:
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बुधवार को कहा कि संसद में जारी गतिरोध के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि संसद सुचारू रूप से चले इसकी उतनी ही जिम्मेदारी सरकार पर भी है। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार से यह अपील भी की कि वह कांग्रेस की चिंताओं को 'बहुत गंभीरता' से ले।
दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में थरूर ने कहा कि यदि सरकार विपक्षी पार्टियों से 'रचनात्मक तरीके से' संवाद करे तो वे भी रचनात्मक जवाब देंगे। ऐसे समय में जब कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार कर रखा है, थरूर शुक्रवार को तीन निजी विधेयक पेश करेंगे, जिसमें समलैंगिकता को अपराध न मानने के लिए आईपीसी की धारा 377 में संशोधन का प्रावधान, भारत में शरण मांगने वाले विदेशी नागरिकों के अधिकारों का प्रावधान और आईपीसी की धारा 124-ए में संशोधन का प्रावधान होगा ताकि देशद्रोह जैसे शब्द का गलत इस्तेमाल न किया जाए।
उन्होंने कहा, 'कार्यवाही में बाधा की राजनीतिक जिम्मेदारी सिर्फ विपक्षी पार्टी या बाधित कर रही पार्टियों पर नहीं डाली जानी चाहिए। सरकार, उसके संसदीय प्रबंधन और विपक्षी पार्टियों एवं राष्ट्र के प्रति सरकार के समग्र रवैये की भी उतनी ही राजनीतिक जिम्मेदारी बनती है।'
दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में थरूर ने कहा कि यदि सरकार विपक्षी पार्टियों से 'रचनात्मक तरीके से' संवाद करे तो वे भी रचनात्मक जवाब देंगे। ऐसे समय में जब कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार कर रखा है, थरूर शुक्रवार को तीन निजी विधेयक पेश करेंगे, जिसमें समलैंगिकता को अपराध न मानने के लिए आईपीसी की धारा 377 में संशोधन का प्रावधान, भारत में शरण मांगने वाले विदेशी नागरिकों के अधिकारों का प्रावधान और आईपीसी की धारा 124-ए में संशोधन का प्रावधान होगा ताकि देशद्रोह जैसे शब्द का गलत इस्तेमाल न किया जाए।
उन्होंने कहा, 'कार्यवाही में बाधा की राजनीतिक जिम्मेदारी सिर्फ विपक्षी पार्टी या बाधित कर रही पार्टियों पर नहीं डाली जानी चाहिए। सरकार, उसके संसदीय प्रबंधन और विपक्षी पार्टियों एवं राष्ट्र के प्रति सरकार के समग्र रवैये की भी उतनी ही राजनीतिक जिम्मेदारी बनती है।'
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