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कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, MUDA केस चलेगा, समझें क्या है ये घोटाला

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कथित मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाला मामले में उनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी देने के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के फैसले को चुनौती दी थी.

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बीजेपी ने सिद्धरमैय्या से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना की मांग की है.
बेंगलुरु:

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कथित मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाला मामले में उनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी देने के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के फैसले को चुनौती दी थी.

  1. उच्च न्यायालय ने 12 सितंबर को मामले में अपनी सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
  2. आज न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है. न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की पीठ ने फैसला सुनाया कि राज्यपाल "स्वतंत्र निर्णय" ले सकते हैं और गहलोत ने "पूरी तरह से अपने दिमाग का इस्तेमाल किया है.  जहां तक​ मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने का ​आदेश का सवाल है, राज्यपाल के कार्यों में कोई गलती नहीं हैं".
  3. सिद्धरमैया ने 19 अगस्त को राज्यपाल के आदेश की वैधता को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था.
  4. राज्यपाल के आदेश को रद्द करने का अनुरोध करते हुए याचिका में मुख्यमंत्री ने कहा था कि मंजूरी आदेश बिना सोचे-समझे जारी किया गया और यह वैधानिक नियमों का उल्लंघन है.
  5. सिद्धरमैया पर मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा उनकी पत्नी को 14 भूखंडों के आवंटन में अनियमितता का आरोप लगाया गया है.
  6. कर्नाटक में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया है कि एमयूडीए ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को उनके स्वामित्व वाली करीब चार एकड़ जमीन के 'अधिग्रहण' के बदले पॉश इलाके में 'अवैध रूप से' वैकल्पिक जमीन आवंटित की है.
  7. उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि वह भविष्य में भी कोई गलत काम नहीं करेंगे और उनका जीवन एक खुली किताब है.
  8. मुख्यमंत्री ने आरोप को खारिज करते हुए कहा था कि उनकी पत्नी पिछली भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई '50:50 अनुपात' योजना के तहत वैकल्पिक भूमि की हकदार थीं, क्योंकि एमयूडीए ने उनकी भूमि का अधिग्रहण किए बिना ही उस पर प्लॉट काट दिए थे.
  9. इस योजना के तहत अगर किसी शख्स की एक एकड़ अविकसित भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा तो उसे इसके बदले एक चौथाई एकड़ विकसित भूमि मिलेगी. मैसूर के रहने वाले सिद्धरमैया ने यह भी दावा किया था कि उनकी पत्नी को वैकल्पिक भूमि पिछली भाजपा सरकार के दौरान दी गई थी, न कि उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान.
  10. बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सिद्धरमैय्या से इस्तीफा देना की मांग की है. साथ ही कहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार को भी फायदा मिला है. कर्नाटक में झूठे वादे किए गए. गरीबों के लिए आवंटन करने वाली जमीन को लूटा गया है.

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