प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की अमेरिका की ऐतिहासिक आधिकारिक यात्रा से पहले कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने कहा है कि दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाले देश का प्रधानमंत्री हर जगह सम्मान पाने का हकदार है और वह इसे लेकर ‘‘गर्व'' महसूस करते हैं. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पित्रोदा अभी पार्टी नेता राहुल गांधी की तीन अमेरिकी शहरों की छह दिन की यात्रा के दौरान उनके साथ हैं. अमेरिका में राहुल ने जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दृष्टिकोण से इतर भारत की अपनी अवधारणा पर ध्यान केंद्रित किया है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की कड़ी आलोचना की है, वहीं, पित्रोदा ने यूक्रेन युद्ध और चीन के मुद्दे पर भाजपा सरकार की विदेश नीतियों का समर्थन किया है. पित्रोदा ने शुक्रवार को साक्षात्कार में कहा, “वह (राहुल) जानते हैं कि हम (भारत) कहां कुछ सही कर रहे हैं और हम सब इसके साथ हैं और किसी ने मुझसे कहा कि भारत के प्रधानमंत्री का बहुत स्वागत हो रहा है. जवाब में मैंने कहा कि मैं इससे खुश हूं, क्योंकि आखिरकार वह मेरे भी प्रधानमंत्री हैं.”
उन्होंने कहा कि लेकिन हमें गलती नहीं करनी चाहिए. उन्हें (मोदी को) स्वागत मिल रहा है, क्योंकि वह भारत के प्रधानमंत्री हैं इसलिए नहीं कि वह भाजपा के प्रधानमंत्री हैं. इन दो चीजों को अलग रखिए.
पित्रोदा ने कहा कि डेढ़ अरब आबादी वाले देश का प्रधानमंत्री होने के नाते प्रधानमंत्री सभी जगह सम्मान पाने के हकदार हैं और मुझे इस पर गर्व है. मैं इसे नकारात्मक रूप में नहीं लेता हूं.” अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 22 जून को वाशिंगटन की राजकीय यात्रा पर आ रहे प्रधानमंत्री मोदी की मेजबानी करेंगे. वह मोदी के सम्मान में राजकीय रात्रिभोज भी देंगे.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि लेकिन आप देखिए, वे (भाजपा नेता) हर संदेश को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं. वे हर चीज को उलझा देते हैं और इसके बाद वे व्यक्तिगत हमलों पर उतर आते हैं. यह लोकतंत्र नहीं है. अन्य मनुष्यों के लिए मन में थोड़ा तो सम्मान रखिए.आप सोशल मीडिया पर 50 लोगों को झूठ के साथ आपके पीछे पड़ जाने के लिए लगा देंगे.
उन्होंने कहा, “और एक झूठ यह है कि (राहुल की) पूरी यात्रा मुसलमानों द्वारा प्रायोजित है. यह क्या है? चलिए अगर मान भी लिया जाए कि यह यात्रा प्रायोजित है, तो क्या हुआ, वे भी तो भारत के नागरिक हैं. आप क्या बात कर रहे हैं? पहली चीज कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है.पूरी यात्रा की व्यवस्था इंडियन ओवरसीज कांग्रेस ने की है.। मैंने व्यक्तिगत रूप से यात्रा से जुड़े सभी 17 कार्यक्रमों की तैयारियों का निरीक्षण किया है.” पित्रोदा ने दावा किया कि राहुल की यात्रा ने अमेरिका में उम्मीद और उत्साह पैदा किया है.
उन्होंने कहा कि हम दोनों (पित्रोदा और राहुल) इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि आज वैश्विक नेताओं तक संदेश जाना बेहद जरूरी है. वैश्विक नेता हकीकत और इसके निहितार्थ से वाकिफ नहीं हैं.” पित्रोदा ने कहा, “उदाहरण के लिए, आज हमने निजी तौर पर एक प्रमुख बैठक की, जिसमें हमने उन्हें बताया कि स्कूली पाठ्यक्रम से पीरियॉडिक टेबल (रासायनिक तत्वों की आवर्त सारणी) को हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है. मैंने पूछा, भला आपको यह बात कैसे मालूम नहीं? मैंने बताया कि विकासवाद के सिद्धांत को भी हटा दिया गया है और वे हैरान हो गए. उन्होंने कहा कि आप एक वैज्ञानिक राष्ट्र कैसे हो सकते हैं, जहां से ताल्लुक रखने वाले प्रवासी भारतीय बहु-अरब डॉलर की कंपनियां चला रहे हैं? अगली पीढ़ी के लोगों का क्या होगा? कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अमेरिका में राहुल को शानदार प्रतिक्रिया मिली है. उन्होंने कहा, “लोग बहुत उत्साहित हैं. हमने उम्मीद पैदा की है और लोग हमसे पूछ रहे हैं कि मैं क्या कर सकता हूं? मैं आपकी कैसे मदद कर सकता हूं? इसलिए, अब मैं उन्हें बता रहा हूं कि आप कई अलग-अलग तरीकों से हमारी मदद कर सकते हैं.” पित्रोदा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर भारतीय लोकतंत्र गलत दिशा में जाता है, तो पूरी दुनिया को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि लोग इस बात को समझने लगे हैं. इसका यह मतलब नहीं है कि हम लोगों से कह रहे हैं कि आइए, हमारे लोकतंत्र को ठीक कीजिए. नहीं. अपने लोकतंत्र को हम खुद ठीक करेंगे, लेकिन आप सचेत रहिए, क्योंकि इसके मायने आपके लिए भी होंगे. इन सबके भारत के लिए निहितार्थ होंगे.
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