
जम्मू के पांच सीमावर्ती जिलों में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के चलते बंद किए गए स्कूल आठ दिन बाद बृहस्पतिवार को फिर से खुल गए. स्कूलों के खुलने से छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को काफी राहत मिली है. शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पुंछ जिलों में सामान्य स्थिति बहाल होने के बाद आज स्कूल फिर से खोल दिए गए. हालांकि, भारत-पाक सीमा से लगे स्कूल एहतियातन अभी भी बंद रहेंगे.' उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा के समीप स्थित 30 स्थानों पर स्कूलों को बंद रखने का फैसला सुरक्षा कारणों से लिया गया है.
"दोस्तों से मिलकर खुशी हो रही"
जहां स्कूल दोबारा खुले, वहां छात्रों का स्वागत विशेष प्रार्थना सभाओं के साथ किया गया. केसी पब्लिक स्कूल की छात्रा उर्वशी ने कहा, ‘‘आठ दिन बाद स्कूल लौटकर बहुत अच्छा लग रहा है. हमें डर था कि युद्ध जैसे हालात के कारण हम और अधिक समय तक स्कूल नहीं जा पाएंगे. अब दोस्तों से मिलकर खुशी हो रही है.''
मॉडल एकेडमी की कक्षा नौंवी की छात्रा अलेशा ने बताया कि भारत-पाक संघर्ष के कारण वे अपने घरों तक ही सीमित हो गए थे, क्योंकि पाकिस्तान ने रेहारी में उनके पड़ोस पर गोलाबारी की थी. अलेशा ने कहा, ‘‘हम बाहर नहीं निकल पा रहे थे और दोस्तों से नहीं मिल पा रहे थे. यह डरावना था. अब स्कूल लौटन फिर से जीवन में दोबारा लौटने जैसा है.''
"अब राहत महसूस हो रही है"
शिक्षक भी स्कूल लौटने को लेकर राहत महसूस कर रहे हैं. जीडी गोयनका स्कूल की शिक्षिका जागृति रैना ने कहा, ‘‘शांति लौट आई है और हमारे छात्र भी. संघर्ष के दौरान हम कई रात सो नहीं सके. अब राहत महसूस हो रही है.'' हालांकि बीते सप्ताह ऑनलाइन माध्यम से कक्षाएं चल रही थीं, लेकिन शिक्षकों का कहना है कि ऑफलाइन कक्षाएं छात्रों की सहभागिता और ध्यान बनाए रखने में अधिक प्रभावी होती हैं.

शिक्षिका रागिनी दत्ता ने कहा, ‘‘ऑफलाइन पढ़ाई शिक्षक और छात्र दोनों के लिए बेहतर होती है क्योंकि इससे आपसी जुड़ाव, ध्यान और जवाबदेही बढ़ती है.'' बुधवार को शिक्षा निदेशालय ने एक आधिकारिक आदेश जारी कर स्थानीय सुरक्षा मूल्यांकन के आधार पर स्कूलों को दोबारा खोलने की योजना साझा की थी. संयुक्त निदेशक सुभाष मेहता के आदेश में स्पष्ट किया गया कि किन जिलों के कौन से जोन में स्कूल खुलेंगे और कहां बंद रहेंगे.
प्रशासन ने संबंधित जोनल शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी संस्थान सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करें. विद्यालय प्रमुखों को स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाए रखने को भी कहा गया है. आदेश के अनुसार, जम्मू जिले के अरनिया, बिश्नाह, आरएसपुरा, मीरां साहिब, सतवारी, मढ़, अखनूर ज्योड़ियां, खौड़ जोन में स्कूल बंद रहेंगे। वहीं, चौकीचोरा, भलवाल, डंसाल, गांधी नगर, जम्मू, पुरमंडल जोन में स्कूल खुलेंगे.
सांबा जिले में सांबा, रामगढ़ और घगवाल जोन में स्कूल बंद रहेंगे, जबकि पुरमंडल और विजयपुर जोन में स्कूल दोबारा खुलेंगे. कठुआ जिले में मरहीन, हीरानगर जोन में स्कूल बंद रहेंगे, जबकि बरनोटी, लखनपुर, सलां, घगवाल, कठुआ जोन में स्कूल खुलेंगे. राजौरी जिले में मंजाकोट, डूंगी, नौशहरा, दंदेसर, सुंदरबनी, राजौरी, बजरालां जोन में स्कूल बंद रहेंगे. वहीं, पीरी, कालाकोट, थन्नामंड, मोगला, कोटरंका, ख्वास, लोअर हथल, दरहाल जोन में स्कूल खुलेंगे.
सीमावर्ती जिले पुंछ में मनकोट, मेंढर, बालाकोट, हरनी, नंगाली, मंडी, कुनियां, सथरा, पुंछ जोन में स्कूल बंद रहेंगे. हालांकि, सूरनकोट, बफ्लियाज जोन में कक्षाएं दोबारा शुरू की जाएंगी. आदेश में कहा गया है, ‘‘संबंधित जोनल शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके अधीनस्थ सभी संस्थान विद्यालय शिक्षा विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा और कल्याण के लिए निर्धारित मानकों का पालन करें.''
आदेश में यह भी कहा गया है कि संस्थानों के प्रमुख सुनिश्चित करें कि शिक्षण गतिविधियां सुचारू और व्यवस्थित रूप से फिर से शुरू हों तथा वे स्थानीय प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ नियमित समन्वय बनाए रखें. गौरतलब है कि भारत-पाक सीमा पर तनाव के कारण एहतियातन सीमावर्ती जिलों में स्कूलों को बंद किया गया था.
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