
वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जो हिंसा हुई, उसकी वजह से स्थानीय लोगों की जिंदगी का ठहर गई थी. हालांकि अब फिर से लोगों की जिंदगी पटरी पर आ रही है. नतीजतन लोग फिर से अपने काम पर वापस लौट रहे हैं. इसके साथ ही हिंसा प्रभावित इलाकों में दुकाने भी खुलने का सिलसिला शुरू हो चुका है. यहां अब बच्चों के स्कूल भी 10 दिन बाद स्कूल खुल गए हैं. 11 अप्रैल को हुई हिंसा के कारण स्कूल बंद कर दिए गए थे.
#WATCH | Murshidabad, West Bengal | Everyday life gradually resumes amid tight security in Murshidabad after violence erupted in various areas during the protests against the Waqf (Amendment) Act on April 11 pic.twitter.com/pgtIrkOUW6
— ANI (@ANI) April 21, 2025
इस बीच एक शख्स ने कहा कि धुलियान में अब स्थिति बेहतर है. अब कोई समस्या नहीं है. पहले कभी यहां ऐसी घटना नहीं हुई. मुर्शिदाबाद के ही एक अन्य शख्स देव कुमार साहा ने कहा कि आज 10 दिनों के बाद स्कूल खुल गए हैं... हिंसा के कारण छात्रों के लिए स्कूल और ट्यूशन बंद कर दिए गए थे. इससे उनकी पढ़ाई पर बहुत असर पड़ने वाला है.
#WATCH | Murshidabad, West Bengal: A local says "Schools have reopened here after 10 days. Due to the violence on 11th April, schools were closed. The situation in Dhuliyan is better now. There are no problems now. Such an incident never took place here in the past..." https://t.co/rqqvPcb9yd pic.twitter.com/DdhiUamQFl
— ANI (@ANI) April 21, 2025
NCW की टीम ने किया हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की टीम ने पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद रविवार को राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से मुलाकात की. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में आयोग के सदस्यों ने कोलकाता स्थित राजभवन में मुलाकात की. उन्होंने राज्यपाल को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने मीडिया से बात करते हुए बताया, "हमने राज्यपाल से मुलाकात की और अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान जो भी देखा और सुना है, उसके बारे में राज्यपाल को अवगत कराया है. मैंने यह भी कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार को महिलाओं और उनके परिवारों की रक्षा के लिए बहुत सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि उन्हें राहत मिले और डर का माहौल खत्म हो जाए."
पीड़ित महिलाओं की आपबीती
राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने 18 और 19 अप्रैल को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने पीड़ित महिलाओं की आपबीती सुनी. मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान की महिलाओं ने केंद्र से हिंसा प्रभावित इलाकों में स्थायी रूप से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) शिविर स्थापित करने का आग्रह किया है, ताकि सांप्रदायिक अशांति के बाद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
हम बीएसएफ के बिना जीवित नहीं रह सकते...
एक महिला ने प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य के पैर छूते हुए कहा कि हम यहां स्थायी बीएसएफ शिविरों के बिना जीवित नहीं रह सकते. यदि आवश्यकता हुई, तो हम उन्हें स्थापित करने के लिए अपनी जमीन और घर देने के लिए तैयार हैं. मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन ने संपत्ति के नुकसान पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है. शुरुआती अनुमानों के अनुसार, अशांति के दौरान 250 से अधिक घरों और 100 दुकानों में तोड़फोड़ की गई. जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआती अनुमान है, विस्तृत आकलन पूरा होने पर वास्तविक आंकड़ा बढ़ सकता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं