"हम मामले की निगरानी कर रहे हैं", SC ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई पर जताई संतुष्टि

तीन अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में उस समय हिंसा भड़क गई थी जब किसान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के उस क्षेत्र में दौरे का विरोध कर रहे थे. इस हिंसा में आठ लोग मारे गए थे.

नई दिल्ली:

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी अदालत के ट्रायल पर संतुष्टि जताई है. अदालत ने कहा है कि ट्रायल धीरे नहीं चल रहा है.जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने  कहा कि इस मामले में ट्रायल नियमित रूप से चल रहा है. हमें ट्रायल जज से नियमित रूप से रिपोर्ट मिल रही है. सुप्रीम कोर्ट वकील प्रशांत भूषण की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें भूषण ने  ट्रायल धीरे चलने की बात कही थी. 

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तीन गवाहों की परीक्षा पूरी हो चुकी है.हालांकि कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि इस मामले की निगरानी हम कर रहे हैं और आगे भी जारी रहेगा. अदालत ने कहा कि  इस मामले मे ट्रायल कोर्ट  स्थित रिपोर्ट से हमें अवगत कराता रहेगा.  कोर्ट द्वारा जारी किए गए अंतरिम दिशा निर्देश जारी रहेंगे. तब तक आशीष मिश्रा को लेकर जारी अंतरिम जमानत का आदेश जारी रहेगा.

उल्लेखनीय है कि तीन अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में उस समय हिंसा भड़क गई थी जब किसान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के उस क्षेत्र में दौरे का विरोध कर रहे थे. इस हिंसा में आठ लोग मारे गए थे. प्राथमिकी के मुताबिक, एक एसयूवी द्वारा चार किसानों को कुचल दिया गया था जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे. इस घटना के बाद एसयूवी के चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को आक्रोशित किसानों द्वारा पीट पीटकर मार दिया गया था. उस हिंसा में एक पत्रकार की भी मृत्यु हुई थी.

आशीष मिश्रा को नौ अक्टूबर, 2021 को गिरफ्तार किया गया और हाईकोर्ट  के आदेश के बाद 15 फरवरी, 2022 को रिहा किया गया. हालांकि, 18 अप्रैल, 2022 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत रद्द किए जाने के बाद 24 अप्रैल, 2022 को आशीष मिश्रा ने आत्मसमर्पण किया था. हाल ही में अदालत ने आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी. 
 

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