हैदराबाद की एक स्थानीय अदालत ने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा की गई शिकायतों के संबंध में सत्यम के संस्थापक बी. रामलिंग राजू और दूसरे आरोपियों को आज दोषी करार दिया।
अदालत ने इस मामले में राजू और अन्य लोगों दोषी पाते हुए उन्हें छह महीने जेल की सजा सुनाई और इन सभी पर जुर्माना भी लगाया।
कंपनी मामलों के मंत्रालय के अधीन जांच इकाई एसएफआईओ ने पूर्ववर्ती सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज और इसके निदेशकों के खिलाफ आर्थिक अपराध के लिए विशेष अदालत में कंपनी कानून के उल्लंघन की सात शिकायतें दिसंबर, 2009 में दर्ज की थीं।
राजू एवं कुछ निदेशकों को छह महीने के कारावास की सजा सुनाई गई और प्रत्येक पर 10,000 रपये से लेकर 10 लाख रपये तक का जुर्माना लगाया गया, जबकि अन्य शिकायतों में केवल जुर्माने लगाए गए।
अदालत ने पूर्व निदेशकों में से एक कृष्णा जी. पलेपू को शिकायत संख्या 394 2009 में दो महीने के भीतर 2.66 करोड़ रपये जुर्माना भरने का निर्देश दिया। वर्तमान में राजू जमानत पर जेल से बाहर हैं।
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