प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जारी चर्चा का जवाब दे रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को आड़े हाथों ले रहे हैं. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि हमने पिछले पांच दशकों से केवल गरीबी हटाने के नारे सुन हैं. लेकिन हमने गरीबों को नारे नहीं दिए, बल्कि सच्चा विकास दिया है. उन्होंने साथ ही बताया कि हमारी सरकार ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाल है. जब जमीन से जुड़े लोग, जमीन की सच्चाई को जानते हुए, जमीन पर जीवन खपाते हैं, तब जमीन पर बदलाव निश्चित होकर रहता है.
उन्होंने कहा, हमने गरीब को झूठे वादे नारे नहीं, हमने सच्चे विकास दिया है. गरीब का दुख, आम आदमी की तकलीफ, मीडिल क्लास के सपने ऐसे ही नहीं समझे जाते हैं, इसके लिए जज्बा चाहिए. मुझे दुख के साथ कहना है कुछ लोगों में यह है ही नहीं. बारिश के दिनों में कच्ची छत, उसकी प्लास्टिक की चादर वाली छत, उससे नीचे जीवन गुजारना कितना मुश्किल होता है. पल-पल सपने रौंद दिए जाते हैं, ऐसे पल होते हैं. यह हर कोई नहीं समझ सकता है.
पीएम मोदी के भाषण की अहम बातें-
- हमने 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर बहनों और बेटियों की मुश्किलें दूर की.
- कुछ नेताओं का फोकस घरों में जकूजी पर, स्टाइलिश शावर पर है, लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पहुंचाने पर
- हमारी सरकार ने पांच साल में 12 करोड़ परिवारों को नल कनेक्शन दिया
- जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन से मनोरंजन करते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी.
- हमारे देश के एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे. उनके मिस्टिर क्लिन कहने का फैशन हो गया था. उन्होंने एक समस्या को पहचाना. उन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपए निकलता है. तो गांवों में 15 पैसे पहुंचता है. उस समय तो पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था. उस समय उन्होंने पब्लिक में कहा था ये. बहुत गजब की हाथ सफाई थी. आम जन भी समझ सकता है कि बाकि के पैसे कहां जाते होंगे.
- जब ज्यादा बुखार चढ़ जाता है, तो लोग कुछ भी बोलते हैं, लेकिन ज्यादा हताशा-निराशा फैल जाती है, तब भी बहुत कुछ बोलते हैं.
- जिनका जन्म नहीं हुआ था, जो भारत की धरती पर अवतरित नहीं हुए थे, ऐसे 10 करोड़ फर्जी लोग सरकारी खजाने से अलग-अलग योजनाओं का फायदा ले रहे थे. हमने इन 10 करोड़ फर्जी नामों को हटाया. ये 10 करोड़ फर्जी लोग जब हटे तो करीब 3 लाख करोड़ रुपया गलत हाथों में जाने से बच गया.
- हमारे स्वच्छता अभियान का बहुत मजाक उड़ाया गया. न जाने क्याक्या कहा जाता था. आज मुझे संतोष से कहना है कि इस सफाई के कारण हाल के सालों में सिर्फ सरकारी दफ्तरों से जो कबाड़ बेचा गया है, उसमें 2300 करोड़ रुपये सरकार को मिला है.
- अलग अलग कदम उठाने से लाखों करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का इस्तेमाल हमने शीशमहल बनाने के लिए नहीं किया. इसका उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया.
- 2014 के पहले ऐसे बम गोले फेंके गए, बंदूक की ऐसी गोलियां चलाई गई कि देशवासियों को जीवन छलनी कर दिया गया था. हम उन घावों को भरते हुए आगे बढ़े हैं. 2013-14 में 2 लाख रुपये पर टैक्स माफी थी, आज 12 लाख इनकम पर टैक्स से मुक्ति. हम घाव भरते गए, आज बैंडेज बाकी था, वह भी कर दिया.
- हमारे पास डबल AI है, डबल ताकत है. एक AI आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और दूसरा AI एस्पिरेशनल इंडिया.
- हमने न्यूक्लियर सेक्टर को ओपन कर दिया है, इसके अच्छे परिणाम देश को मिलने वाले हैं.
- कुछ दल चुनाव के वक्त बड़े-बडे वादे करते हैं, लेकिन उसके बाद पूरे नहीं करते. ऐसे दल लगातार युवा को धोखा देते है. आपदा बनकर गिरे है. हम युवा भविष्य को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं.
- हम कैसे काम करते हैं, यह हरियाणा में देख सकते हैं. बिना खर्ची बिना पर्ची के नौकरी देने का वादा किया था, सरकार बनते ही नौजवानों को नौकरी मिल गई. इसी का परिणाम है हरियाणा में तीसरी बार भव्य विजय मिली. यह अपने आप में ऐतिहासिक घटना है. महाराष्ट्र में भी ऐतिहासिक परिणाम. जनता का आशीर्वाद. महाराष्ट्र में सत्ता पक्ष के पास पहली बार इतनी सीटें हैं.
- हम संविधान को जीना जानते हैं, लोकतंत्र को हमेशा ध्यान में रखा
- जब सत्ता सेवा बना जाए, तब राष्ट्र निर्माण होता है. जब सत्ता को विरासत बना दिया जाए तो लोकतंत्र खत्म हो जाता है.
- हम संविधान को लेकर चलते हैं, हम जहर की राजनीति नहीं करते
- हम देश की एकता को सबसे आगे रखते हैं.
- आजकल कुछ लोग अर्बन नक्सल की भाषा खुलेआम बोल रहे. अर्बन नक्सल जिन बातों को बोलते हैं, इंडियन स्टेट के सामने मोर्चा लेते हैं. ये अर्बन नक्सल की भाषा बोलने वाले, ना संविधान को ना देश की एकता को समझ सकते.
- सात दशक तक जम्मू-कश्मीर, लद्दाख को संविधान के अधिकारों से वंचित रखा था. ये संविधान के साथ भी और वहां के लोगों के साथ भी अन्याय था. हमने आर्टिकल 370 की दीवार गिरा दी. उन राज्यों को वही अधिकार मिल रहे हैं, जो बाकि लोगों को मिल रहे हैं. हम संविधान की भावना को जीते हैं, इसलिए इतने मजबूत फैसले लेते हैं
- हमारा संविधान हमें भेदभाव करने का अधिकार नहीं देता. हमने ट्रिपल तलाक को खत्म करके मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार दिया है. जब भी देश में एनडीए की सरकार रही है, हमने लंबे विजन के साथ काम किया है.
- देश को बांटने के लिए कैसी कैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. पता नहीं उनकी हताशा और निराशा कहां ले जाएगी.
- हम संविधान को जीते हैं. दिल्ली में आपको कई स्थान ऐसे मिलेंगे, जहां कुछ परिवारों ने अपने म्यूजिम बनाकर रखे हुए हैं. जनता जनार्दन के पैसों से काम हो रहा है. लोकतंत्र की भावना क्या होती, संविधान को जीना किसे कहते हैं, हमने पीएम म्यूजियम बनाया और देश के पहले से लेकर मेरे पूर्व तक के सभी पीएम के कार्यों के लिए वह म्यूजियम बनाया गया है. मैं तो चाहूंगा कि पीएम म्यूजियम में जो जो महापुरुष हैं, उनके परिजनों को वहां जाना चाहिए. और उनको अगर उसमें कुछ जोड़ने के लिए कुछ लगता है, तो सरकार का ध्यान आकर्षित करें. यह होती है संविधान की भावना. अपने लिए तो सब करते हैं.
- जाति की बातें कुछ लोगों के लिए फैशन बन गया है. पिछले 30 साल से सदन में आने वाले ओबीसी समाज के सांसद दलों के भेदभाव से ऊपर उठकर एक होकर 30-35 साल से मांग कर रहे थे कि ओबीसी कमिशन को संवैधानिक दर्जा दिया जाए. जिन लोगों को आज जातिवाद में मलाई दिखती है, उन्होंने उस समय इस बात पर ध्यान नहीं दिया. यह हम हैं, जिन्होंने पिछड़ा वर्ग आयोग को यह दर्जा दिया.
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