विधायक संजय गायकवाड ने एनडीटीवी के साथ इंटरव्यू के दौरान आपा खो दिया.
- कैंटीन कर्मचारी से मारपीट करने वाले शिवसेना विधायक संजय गायकवाड ने कहा कि मेरा रास्ता गलत था, यह मैं मानता हूं, लेकिन मेरी मंजिल सही थी.
- विधायक संजय गायकवाड ने एनडीटीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि बासी दाल खाने के बाद उन्हें उल्टी हो गई थी.
- विधायक ने कहा कि सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं होने के कारण उन्होंने खुद इस मामले में सख्ती दिखाई और भविष्य में भी ऐसा करने से नहीं हिचकेंगे.
मुंबई में कथित तौर पर बासी दाल हॉस्टल कैंटीन के कर्मचारी को पीटने वाले शिंदे गुट वाली शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड (Sanjay Gaikwad) के तेवर हैं कि ठंडे होने का नाम ले रहे हैं. गायकवाड ने गुरुवार को फिर कहा कि वे दोबारा इस तरह के हरकत से नहीं हिचकेंगे. वहीं एनडीटीवी ने जब उसने बात की तो लाइव टीवी पर उनके वही मुक्केबाजी वाले तेवर दिखाई दिए. आखिर एक कर्मचारी पर वे क्यों इतना भड़क गए, इसको लेकर जब उनसे तीखे सवाल पूछे गए तो जवाब देने के बजाय वह इंटरव्यू छोड़कर निकल गए . बुलढाणा विधायक अपने हरकत से बुरी तरह से घिरे हुए हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ-साथ विपक्षी दलों ने भी उनकी हरकत की निंदा की है.
गायकवाड ने कर्मचारी से मारपीट मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा कि दस-साढ़े दस बजे मैंने खाने का आर्डर किया. दाल-चावल और दो चपाती सादा खाना मैंने मंगाया. पहला निवाला खाया तो मुझे गंदा लगा दूसरा निवाला खाने के बाद मुझे उल्टी हो गई और मैं अस्वस्थ लगने लगा. मैंने दाल की स्मैल ली और उसी हालत में मैं नीचे गया. मैंने पूछा कि खाना किसने परोसा है. उन्होंने बताया कि मैंने मैनेजर और उनके छह कर्मचारियों को यह खाना दिखाया. यहां तक की वहां पर बैठे आम लोगों को भी मैंने बताया.
उन्होंने इस मामले में कहा कि एमएलए की जिंदगी से आप खेलना चाहते हैं तो मुझे क्या करना चाहिए. मैंने उसकी जान लेने के हिसाब से मारपीट नहीं की या मैंने पूरी ताकत से उसके साथ मारपीट नहीं की. उसे समझ मिलनी चाहिए, उसे ताकीद मिलनी चाहिए.
NDTV का सवाल: आपने कंप्लेन क्यों नहीं की और इस घटना के तुरंत बाद आपने कहा था कि यह सेना स्टाइल है और आपने दोबारा ऐसा करने के लिए कहा था, क्या आप फिर ऐसा करेंगे?
गायकवाड: आपने जो पूछा है कि आपने कंप्लेंट क्यों नहीं की. कंप्लेन के बाद सरकार ने काम क्यों नहीं किया. उसकी 200 कंप्लेंट कर चुके हैं और 200 कंप्लेन करने के बाद भी 30 साल से वही कांट्रेक्टर वहां पर आ रहा है और उसका धंधा बढ़ गया था. अगर सरकार या अधिकारी कार्यवाही करते तो मुझे यह कायदा हाथ में लेने की जरूरत नहीं थी. जिस तरह का मेरा प्रशिक्षण हुआ है, वह आज का विषय नहीं है. वह 30 साल पहले का विषय है. इस बात में भी मैं पूरी तरह से दृढ़ हूं कि अगर फिर से कोई ऐसी गलती करेगा तो मैं छोड़ूंगा नहीं.
NDTV का सवाल: क्या आप किसी ताकतवर आदमी को ऐसे मार सकते हैं?
गायकवाड: आपको दिखता है कि मैनेजर को मारा है, लेकिन वो मैनेजर एक साल में एक लाख लोगों की जान से खेल रहा है वो आपको दिखता नहीं क्या.
NDTV का सवाल: आपने जो किया, क्या वह ठीक था?
गायकवाड: मेरी जिम्मेदारी मुझे पता है. मैं बात करूंगा नहीं. मेरी आवाज जनता तक क्यों नहीं पहुंचाते आप. आप मेरी आवाज ब्रेक मत कीजिए. मैं तुमसे बात नहीं करूंगा...आप बीच में मत बोलिए.. मैं सवाल का ही जवाब दे रहा हूं.. एक आदमी को मारपीट हो रही है तो आप दिख रहा है.. वह आदमी मेरे मराठी के लोगों की जिंदगी से वह खेल रहा है, वो दिखता नहीं आपको? मैंने तो उसको बस थप्पड़ मारा है, वह तो मेरी जान लेने वाला था.
NDTV का सवालः महराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और आपकी पार्टी के अध्यक्ष शिंदे भी आपकी निंदा की है.
गायकवाड इस पर आपा खो देते हैं. वह इंटरव्यू छोड़कर भाग जाते हैं.
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