पश्चिम बंगाल के संदेशखाली का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. मामले की जांच SIT या सीबीआई से करवाने मांग की गई है. निष्पक्ष जांच के लिए पूरी जांच पश्चिम बंगाल से बाहर करवाने की मांग भी की गई है. सुप्रीम कोर्ट से मणिपुर के तर्ज पर 3 जजों की कमेटी बनाकर मामले की निष्पक्ष जांच की भी बात कही गई है. वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.
याचिका में पीड़ितों को मुआवजा देने के निर्देंश देने के साथ- साथ दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग भी की गई है. बता दें कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाएं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों के कथित अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. संदेशखाली में सत्तारूढ़ दल के एक ताकतवर नेता के सहयोगियों द्वारा यौन उत्पीड़न के दावों पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक घमासान मचा हुआ है.
कौन है शाहजहां शेख?
शेख शाहजहां टीएमसी के नेता हैं. पिछले महीने जब प्रवर्तन निदेशालय की टीम उनके आवास पर छापेमारी के लिए पहुंची थी तो उनके समर्थकों ने अधिकारियों पर हमला कर दिया था. इस घटना का कथित मास्टरमाइंड तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख को माना जाता है. ईडी के अधिकारी राशन वितरण घोटाले की जांच के मामले में शेख के घर पहुंचे थे. इस घटना के लगभग एक महीने बाद दर्जनों महिलाओं ने मीडिया के सामने आकर शाहजहां शेख के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसके बाद से एक बार फिर यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है.
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