तमिलनाडु के मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर विवादित बयान देकर सियासी बवाल खड़ा कर दिया है. उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को कहा कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के विचार के खिलाफ है और इसे "खत्म" किया जाना चाहिए. साथ ही उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से की, जिसकी भाजपा नेताओं ने तीखी आलोचना की. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस बयान पर विपक्षी गठबंधन को घेरा है.
उदयनिधि के इस बयान से सोशल मीडिया पर नई बहस
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उदयनिधि ने कहा, "सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू की तरह है और इसलिए इसे खत्म किया जाना चाहिए, न कि इसका विरोध किया जाना चाहिए." उदयनिधि के इस बयान से सोशल मीडिया पर भी नई बहस शुरू हो गई है. कई लोगों ने तो तमिलनाडु के मंत्री के खिलाफ केस दर्ज करने की भी मांग की है.
क्या मुंबई की बैठक में इस पर ही सहमति बनी थी...?
भाजपा के अमित मालवीय ने कहा, "तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ा है. उनका मानना है कि इसे खत्म किया जाना चाहिए और सिर्फ इसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए. संक्षेप में वह सनातन धर्म को मानने वाले भारत के 80 प्रतिशत आबादी के नरसंहार के लिए आह्वान कर रहे हैं. डीएमके विपक्षी गठबंधन की एक प्रमुख सदस्य और कांग्रेस की लंबे समय से सहयोगी है. क्या मुंबई की बैठक में इस पर ही सहमति बनी थी...?"
Udhayanidhi Stalin's hate speech with Hindi subtitles.
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 2, 2023
Rahul Gandhi speaks of ‘मोहब्बत की दुकान' but Congress ally DMK's scion talks about eradicating Sanatana Dharma. Congress's silence is support for this genocidal call…
I.N.D.I Alliance, true to its name, if given an… https://t.co/hfTVBBxHQ5 pic.twitter.com/ymMY04f983
कांग्रेस की चुप्पी इस नरसंहार के आह्वान का समर्थन
अमित मालवीय ने आगे कहा, "राहुल गांधी 'मोहब्बत की दुकान' की बात करते हैं, लेकिन कांग्रेस के सहयोगी द्रमुक के वंशज सनातन धर्म को खत्म करने की बात करते हैं. कांग्रेस की चुप्पी इस नरसंहार के आह्वान का समर्थन है. अपने नाम के अनुरूप इंडिया अलायंस, को अगर मौका दिया गया, तो सहस्राब्दी पुरानी सभ्यता को नष्ट कर देगा, जो भारत है. विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के सदस्य डीएमके ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाने के लिए हाल ही में मुंबई में अन्य विपक्षी नेताओं से मुलाकात की, जहां निर्णय लिया गया कि वे भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.
उदयनिधि स्टालिनकी सफाई
उदयनिधि की टिप्पणी चेन्नई में एक लेखक सम्मेलन में आई, जहां उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि इसे खत्म किया जाना चाहिए. तमिलनाडु के मंत्री ने तर्क दिया कि यह विचार स्वाभाविक रूप से प्रतिगामी है, लोगों को जाति और लिंग के आधार पर विभाजित करता है, और मूल रूप से समानता और सामाजिक न्याय का विरोध करता है. उदयनिधि ने बयान पर बवाल होता देख, अपनी सफाई दी है. अमित मालवीय के ट्वीट का जवाब देते हुए उन्होंने लिखा, "मैंने कभी भी सनातन धर्म का पालन करने वाले लोगों के नरसंहार का आह्वान नहीं किया. सनातन धर्म एक सिद्धांत है, जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर विभाजित करता है. सनातन धर्म को उखाड़ फेंकना मानवता और मानव समानता को कायम रखना है. मैं अपने कहे हर शब्द पर दृढ़ता से कायम हूं. मैंने उत्पीड़ितों और हाशिये पर पड़े लोगों की ओर से बोला, जो सनातन धर्म के कारण पीड़ित हैं.
I never called for the genocide of people who are following Sanatan Dharma. Sanatan Dharma is a principle that divides people in the name of caste and religion. Uprooting Sanatan Dharma is upholding humanity and human equality.
— Udhay (@Udhaystalin) September 2, 2023
I stand firmly by every word I have spoken. I spoke… https://t.co/Q31uVNdZVb
उन्होंने कहा, "मैं किसी भी मंच पर पेरियार और अंबेडकर के व्यापक लेखन को प्रस्तुत करने के लिए तैयार हूं, जिन्होंने सनातन धर्म और समाज पर इसके नकारात्मक प्रभाव पर गहन शोध किया. मैं अपने रास्ते में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूं, चाहे वह कानून की अदालत में हो या लोगों की अदालत में. फर्जी खबरें फैलाना बंद करें."
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने उदयनिधि स्टालिन और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर ईसाई मिशनरियों के विचारों को दोहराने का आरोप लगाया.
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