उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद का सर्वे का काम रविवार को पूरा किया गया था. इस दौरान इलाके में शांति बनाए रखने के लिए भारी मात्रा में पुलिस और सुरक्षा बल भी तैनात किया गया था लेकिन इसके बावजूद भी इलाके में पत्थरबाजी के साथ-साथ वाहनों में आग लगाने की घटनाएं सामने आई थीं. जिसके कारण हिंसा भड़क गई. संभल में हुई हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत हो गई है. साथ ही पुलिस ने इंटरनेट सेवाओं को भी 24 घंटों के लिए बंद कर दिया है. इतना ही नहीं दंगे भड़काने के आरोप में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और स्थानीय सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे नवाब सुहैल इकबाल के खिलाफ एफआईआर की गई है. इन पर दंगें भड़काने का आरोप है. यहां देखें संभल हिंसा से जुड़े सारे अपडेट्स:
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AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- यह हत्या है
संभल में पथराव की घटना पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि संभल की मस्जिद 50-100 साल पुरानी नहीं है, यह 250-300 साल से अधिक पुरानी है और अदालत ने लोगों की बात सुने बिना एक पक्षीय आदेश पारित कर दिया.''मस्जिद जो गलत है...जब दूसरा सर्वे हुआ तो कोई जानकारी नहीं दी गई...लोग जिस सर्वे का दावा कर रहे हैं उसका वीडियो पब्लिक डोमेन में है. जिसमें दिख रहा है कि सर्वे के लिए आए लोगों ने भड़काऊ नारे लगाए थे. हिंसा हुई, तीन मुसलमानों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हम इसकी निंदा करते हैं. यह गोलीबारी नहीं बल्कि हत्या है..'' पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
संभल हिंसा और SP सांसद के खिलाफ एफआईआर होने को लेकर अखिलेश यादव ने कही ये बात
संभल में पथराव की घटना पर समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "हमारे सांसद जियाउर्रहमान संभल में थे ही नहीं और इसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. यह सरकार द्वारा किया गया दंगा है. कोर्ट द्वारा आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन सर्वे के लिए जामा मस्जिद पहुंच गए. 23 नवंबर को पुलिस प्रशासन ने कहा कि अगली सुबह 24 तारीख को दूसरा सर्वे किया जाएगा. पुलिस प्रशासन को यह आदेश किसने दिया? जब लोगों ने सर्वे का कारण जानना चाहा तो सर्किल ऑफिसर ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. इसका विरोध करते हुए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. बदले में पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं. जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है. इससे कई लोग घायल हो गए. 5 निर्दोष लोगों की मौत हो गई. संभल का माहौल खराब करने के लिए पुलिस और प्रशासन के लोगों के साथ-साथ याचिका दायर करने वाले लोग भी जिम्मेदार हैं. उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए ताकि लोगों को न्याय मिल सके और भविष्य में कोई भी संविधान और न्याय के खिलाफ ऐसी गैरकानूनी घटना न कर सके दिया जा सकता है."
संभल हिंसा पर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कही ये बात
संभल पथराव की घटना पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, "सरकार संभल की घटना पर राजनीति करने की कोशिश कर रही है. प्रदेश में नफरत की राजनीति की जा रही है. इसकी गहन जांच होनी चाहिए. हम इसको लेकर मौन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आने वाले समय में मेरे साथ कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल संभल जाएगा."
संभल जा रहे आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर को हापुड़ में रोकने की कोशिश की गई
आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को पुलिस ने हापुड़ में रोकने की कोशिश की. चंद्रशेखर संभल जाना चाहते हैं. पुलिस ने पूरे रास्ते में चंद्रशेखर समेत किसी भी नेता को संभल ना जाने देने के लिए कड़े सुरक्षा के इंतज़ाम किए हैं.
साजिश के तहत की गई हिंसा - संभल डीएम राकेश पेनसिया
संभल के डीएम राकेश पेनसिया और एसपी कृष्ण बिश्नोई ने पीसी कर बताया कि सर्वे खत्म होने के बाद साजिश के तहत हिंसा की गई है. इस मामले में अबतक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ड्रोन फुटेज के आधार पर लोगों के पासपोर्ट साइज इमेज बनाकर पहचान की जा रही है. उन्होंने बताया कि फिलहाल क्षेत्र में शांति है.
पुलिस के हाथ लगे कुछ वीडियो
पुलिस के हाथ कुछ वीडियो लगे हैं जिसमें देखा जा रहा है कि ज्यादातर दंगाइयों ने चेहरे पर कपड़ा बांध रखा है और गाड़ियों की तोड़फोड़ कर रहे हैं या फिर पत्थर फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं. एक तरफ दंगाइयों की भीड़ खड़ी है जो हाथों में पत्थर लिए हुए है तो दूसरी तरफ पुलिस के जवान तैनात है जिससे इस भीड़ को आगे न बढ़ने दिया जा सके.
संभल घटना पर ये बोले जियाउर्रहमान
जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि, "संभल में हमारे नौजवानों की जान गई है और इसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है. उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने सरकारी नहीं बल्कि प्राइवेट हथियार से गोली चलाई है. ऐसे लोग जेल में जाएं ताकि उनके परिवार वाले को इंसाफ मिल सके. अगर कोर्ट का आदेश था तो सर्वे तो पहले हो चुका था. ऐसा कौन सी इमरजेंसी थी कि आप तुरंत सर्वे करने फिर से पहुंच गए. कोर्ट कमिश्नर ने खुद ही कहा था कि सर्वे हो चुका है. उनके पास कोर्ट का आदेश नहीं था".