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संभल जामा मस्जिद केस, सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट जाने को कहा, निचली अदालत को दिया ये आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित हिंदू पक्ष के 18 मामलों की विचारणीयता को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के खिलाफ दायर की गयी याचिका पर नौ दिसंबर को सुनवाई करेगा.

हम इस केस को इसलिए ले रहे हैं ताकि सौहार्द बना रहे- CJI

नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के संभल शाही मस्जिद मामले में दखल देते हुए निचली अदालत को मामले की आगे सुनवाई ना करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, 'जब तक इलाहाबाद हाई कोर्ट कोई आदेश जारी ना करे, तब तक निचली अदालत सुनवाई ना करे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ⁠मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट जाने को कहा है. ⁠सुप्रीम कोर्ट ने मामले को लंबित रखा है और इसकी सुनवाई अब 8 जनवरी से पहले होगी. कांग्रेस पार्टी ने संभाल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.

कांग्रेस के लोकसभा सांसद तारिक अनवर ने एनडीटीवी से कहा, 'सुप्रीम कोर्ट को जिस तरह से मुस्लिम समुदाय के धार्मिक स्थलों को टारगेट किया जा रहा है, अजमेर शरीफ और दूसरे जगह पर उन मामलों का भी संज्ञान लेना चाहिए.'

संभल की घटनाओं की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज वाले आयोग करे : समाजवादी सांसद जियाउर रहमान

संभल के SP सांसद जियाउर रहमान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. जियाउर रहमान ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि 
मुझे खुशी है कि हमारे एसएलपी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला किया है. हम जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर करेंगे जिसमें यह मांग की जाएगी कि संभल की घटनाओं की सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज वाले आयोग से जांच कराई जाए. हम बहुत जल्दी है याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर करेंगे.

शशि थरूर बोले- सुप्रीम कोर्ट का अच्छा फैसला

संभल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लोकसभा सांसद शशि थरूर ने कहा कि अच्छा फैसला है कि आज देश में 4000 इलाके ऐसे होंगे जहां कोई कहेगा कि मंदिर था या कुछ और इससे देश में सामाजिक सोहार्द बर्बाद हो सकता है. 1991 का प्लेस ऑफ वरशिप एक्ट में इस तरह के मामलों को उठाना सही नहीं बताया गया है.इसे भी सुप्रीम कोर्ट को देखना चाहिए.
 

हाई कोर्ट जाए शाही जामा मस्जिद प्रबंधन कमिटी

सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद मामले में संभल की प्रबंधन समिति को निचली अदालत के उस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जाने को कहा है. सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा, 'जब तक वे हाई कोर्ट नहीं जाते, हम नहीं चाहते कि कुछ हो. निचली अदालत अपने आदेश पर अमल नहीं करेगी. CJI ने कहा कि केस के मेरिट पर हम कुछ नहीं कह रहे है. शाही मस्जिद प्रबंधन कमिटी को कहा कि आप हाई कोर्ट जाएं. 8 जनवरी से पहले इस मामले में निचली अदालत में कोई करवाई नहीं होगी. शाही मस्जिद कमिटी तब तक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल न करें.

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हम नहीं चाहते कि वहां कुछ हो- CJI

शाही जामा मस्जिद प्रबंधन कमिटी ने याचिका दाखिल की है कि सर्वे पर तुरंत रोक लगाई जाए. याचिका ⁠में निचली अदालत के सर्वे के आदेश पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई, जिसे एक तरह से कोर्ट ने मान लिया है. सीजेआई ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा, 'हम इस केस को इसलिए ले रहे हैं, ताकि सौहार्द बना रहे. हम नहीं चाहते कि वहां कुछ हो. हम इस मामले को लंबित रखेंगे. फिलहाल इस मामले में निचली अदालत कोई कार्रवाई नहीं करें. हम मेरिट में नहीं जा रहे हैं. हम नहीं चाहते कि इस बीच कुछ हो. इस मामले में जिला कोर्ट को मध्यस्थता समितियां बनानी चाहिए. हमें पूरी तरह से तटस्थ रहना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि कुछ भी अप्रिय न हो.'

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ये है पूरा मामला 

संभल की एक अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद के पहली बार सर्वेक्षण किए जाने के बाद से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है. अदालत ने यह आदेश उस याचिका पर दिया, जिसमें दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले कभी हरिहर मंदिर था. मस्जिद का 24 नवंबर को दोबारा सर्वेक्षण किये जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी और इस दौरान प्रदर्शनकारियों तथा पुलिस के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गयी तथा 25 अन्य जख्मी हो गये थे. आयोग को अधिसूचना जारी होने के दो माह के भीतर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है और समयसीमा को बढ़ाने के लिए सरकार से मंजूरी लेनी होगी.

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