जाने-माने उपन्यासकार सलमान रुश्दी की विवादास्पद किताब 'द सैटेनिक वर्सेज'लंबे प्रतिबंध के बाद एक बार फिर भारत में लौट आई है. आपको बता दें कि इस किताब पर 1988 में तब की राजीव गांधी सरकार ने बैन लगा दिया था.सलमान रुश्दी की इस किताब को लेकर उस दौरान भी जमकर बवाल हुआ था. अब ये किताब दिल्ली में उपलब्ध है. 36 साल बाद इस किताब की दिल्ली के बाजार में वापसी ने एक नए तरीके के विवाद को भी हवा दे दी है.
पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया के तरफ से भी इस किताब के भारत में उपलब्ध होने को लेकर एक पोस्ट साझा किया गया है. इस पोस्ट में सलमान रुश्दी को टैग करते हुए लिखा गया है कि आखिरकार 36 साल बाद 'द सैटेनिक वर्सेज' को भारत में बेचने की इजाजत मिल गई है.
'मान लेना चाहिए कि ये मौजूद ही नहीं है'
दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस किताब के इमपोर्ट पर लगाए गए बैन को चुनैती देने वाली याचिका पर नवंबर 2022 में कार्यवाही को बंद कर दिया था. कोर्ट ने उस दौरान अपने आदेश में कहा था कि अधिकारी अधिसूचना प्रस्तुत करने में विफल रहे हैं. इसलिए यह मान लिया जाना चाहिए कि यह मौजूद ही नहीं है.
किताब का इस वजह से हुआ था विरोध
आपको बता दें मुस्लिम संगठनों ने इस किताब की सामग्री पर कड़ा ऐतराज जताया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने किताब के आयात पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई बंद कर दी थी. इस किताब की साम्रगी को लेकर जमकर बवाल हुआ था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं