जम्मू:
अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट के 2012 के फैसले के मद्देनजर इस साल पवित्र अमरनाथ यात्रा के रास्ते में शीतल पेय पदार्थों और जंक फूड की बिक्री पर प्रतिबंध को श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) कड़ाई से लागू करेगा।
एसएएसबी के उप-मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज आनंद ने कहा, ‘इस संबंध में साल 2012 का सुप्रीम कोर्ट का फैसला है, इसलिए पवित्र अमरनाथ गुफा के रास्ते में शीतल पेय पदार्थों एवं जंक फूड की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है।’
साल 2012 में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौत पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता के बाद गठित विशेषज्ञ समिति ने शीतल पेय पदार्थों और तले भुने जंक फूड के खाने के प्रति चेताया था, क्योंकि अमरनाथ गुफा के रास्ते में ऑक्सीजन की कमी होती है।
आनंद ने कहा, ‘स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति के अभाव में ऐसे खाद्य पदार्थों को पचाना मुश्किल हो जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और श्रद्धालुओं के लिए यात्रा कठिन हो जाती है।’ ऐसे खाद्य पदार्थों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय 2013 और 2014 में भी लिया गया था, लेकिन इस साल से उसे कड़ाई से लागू किया जाएगा।
एसएएसबी ने लंगर आयोजकों से भी ऐसे तले भूने खाद्य पदार्थों एवं शीतल पेय पदार्थों के वितरण से दूर रहने को कहा है, क्योंकि वे कम ऑक्सजीन की स्थिति में स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं हैं। उसने उनसे तीर्थयात्रियों के लिए उनके द्वारा तैयार की जाने वाली खाद्य सामग्री का चार्ट प्रदर्शित करने को कहा है। उसने उल्लंघनकर्ताओं को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
एसएएसबी के उप-मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज आनंद ने कहा, ‘इस संबंध में साल 2012 का सुप्रीम कोर्ट का फैसला है, इसलिए पवित्र अमरनाथ गुफा के रास्ते में शीतल पेय पदार्थों एवं जंक फूड की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है।’
साल 2012 में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौत पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता के बाद गठित विशेषज्ञ समिति ने शीतल पेय पदार्थों और तले भुने जंक फूड के खाने के प्रति चेताया था, क्योंकि अमरनाथ गुफा के रास्ते में ऑक्सीजन की कमी होती है।
आनंद ने कहा, ‘स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति के अभाव में ऐसे खाद्य पदार्थों को पचाना मुश्किल हो जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और श्रद्धालुओं के लिए यात्रा कठिन हो जाती है।’ ऐसे खाद्य पदार्थों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय 2013 और 2014 में भी लिया गया था, लेकिन इस साल से उसे कड़ाई से लागू किया जाएगा।
एसएएसबी ने लंगर आयोजकों से भी ऐसे तले भूने खाद्य पदार्थों एवं शीतल पेय पदार्थों के वितरण से दूर रहने को कहा है, क्योंकि वे कम ऑक्सजीन की स्थिति में स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं हैं। उसने उनसे तीर्थयात्रियों के लिए उनके द्वारा तैयार की जाने वाली खाद्य सामग्री का चार्ट प्रदर्शित करने को कहा है। उसने उल्लंघनकर्ताओं को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
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