Sakti Election Results 2023: जानें, सकती (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

सकती विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 196828 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 78058 ने कांग्रेस उम्मीदवार चरण दास महंत को वोट देकर जिताया था, जबकि 48012 वोट पा सके बीजेपी प्रत्याशी मेधा राम साहू 30046 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Sakti Election Results 2023: जानें, सकती (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 7 तथा 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

आज से 22 साल पहले मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) राज्य के मध्य क्षेत्र में मौजूद है जांजगीर-चम्पा जिला, जहां बसा है सकती विधानसभा क्षेत्र, जो अनारक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 196828 मतदाता थे, और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार चरण दास महंत को 78058 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि बीजेपी उम्मीदवार मेधा राम साहू को 48012 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 30046 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में सकती विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार डॉक्टर खिलावन साहू ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 51577 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सरोजा मनहरण राठौड़ को 42544 वोट मिल पाए थे, और वह 9033 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में सकती विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार सरोजा मनहरण राठौड़ को कुल 47368 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी मेधा राम साहू दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 37976 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 9392 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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ध्यान रहे कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री पद पर बैठे थे. इन्हीं नतीजों के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमन सिंह की 15 साल तक चली सरकार का कार्यकाल खत्म हो गया था, क्योंकि इस चुनाव में BJP महज़ 15 सीटें अपनी झोली में डाल पाई थी. 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता कैसे बदली, इसे समझने के लिए वर्ष 2013 के चुनाव नतीजों पर भी नज़र डालनी होगी. उस समय BJP को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर 1 फीसदी से भी कम रहा था. अब भूपेश बघेल सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, जबकि BJP एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी है.