सचिन पायलट बनाम अशोक गहलोत - फाइल फोटो
नई दिल्ली:
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राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और बर्खास्त उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच अभी भी घमासान मचा हुआ है. सचिन पायलट समेत कांग्रेस के बागी विधायकों के खिलाफ पहले हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंच चुका है. वहीं, सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को पत्र लिखा है. उन्होंने ट्विटर पर पत्र के साथ लिखा, ''मैं आपका ध्यान राज्यों में चुनी हुई सरकारों को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से गिराने के लिए किये जा रहे कुत्सित प्रयासों की ओर आकृष्ट करना चाहूंगा.'' राजस्थान में सियासी संकट का दौर अभी भी जारी है.
राजस्थान सियासी घमासान में अब तक :
- गौरतलब है कि दिसंबर 2018 में जब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी थी तो अशोक गहलोत को राज्य का मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था. इसके बाद से ही गहलोत और उनके 'डिप्टी' के रिश्तों में खटास बढ़ती जा रही थी.
- पायलट का मानना था कि राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते राज्य में सरकार बनाने में उनका अहम योगदान रहा है और वे सरकार का नेतृत्व करने के हकदार हैं. दोनों खेमों के बीच तल्खी उस समय सार्वजनिक हो गई जब सचिन पायलट और उनके खेमे में करीब 30 विधायकों ने गहलोत के खिलाफ बगावती बिगुल फूंक दिया.
- पायलट इस मांग के साथ दिल्ली पहुंचे कि उन्हें सीएम के रूप में पदोन्नत किया जाए और सीएम अशोक गहलोत को बर्खास्त कर दिया जाए. उन्होंने अपने साथ 30 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया था. कांग्रेस ने इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए पायलट का उप मुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस प्रमुख पद से बर्खास्त कर दिया. यही नहीं, उनके समर्थक, राज्य सरकार के दो मंत्रियों को भी हटा दिया गया.
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने अपनी सरकार को गिराने की साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है. पीएम को लिखे पत्र में सीएम गहलोत ने लिखा है कि राज्यों में चुनी हुई सरकारों को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से गिराने के लिए कुत्सित प्रयास किए जा रहे हैं.
- वहीं, राजस्थान के बर्खास्त उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 19 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक रोकने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज (गुरुवार को) सुनवाई करेगा. राजस्थान स्पीकर सीपी जोशी ने अपनी याचिका में कहा कि न्यायपालिका से कभी भी यह अपेक्षा नहीं की गयी थी कि वह ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करेगी, जिससे संवैधानिक गतिरोध पैदा हो.
- हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि वह पायलट एवं 18 अन्य विधायकों की याचिका पर 24 जुलाई को उचित आदेश सुनायेगा. इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों को भेजे गए अयोग्य ठहराए जाने संबंधी नोटिस को चुनौती दी गई है. अदालत ने अध्यक्ष से अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक टालने को कहा था.
- वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के फार्म हाउस व अन्य परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि उनके ''रेडराज'' से राजस्थान की जनता डरने वाली नहीं है और इस तरह की कार्रवाई से राज्य की कांग्रेस सरकार नहीं डिगेगी.
- कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपने इस देश में ''रेडराज'' पैदा किया हुआ है. आपके इस ''रेडराज'' से राजस्थान डरने वाला नहीं. आपके ''रेडराज'' से राजस्थान की आठ करोड़ जनता घबराने वाली नहीं है.''
- पायलट खेमे की दलील है कि पार्टी का व्हिप तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो. कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को दी गई अपनी शिकायत में पायलट और अन्य असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है.
- उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने पार्टी व्हिप की अवज्ञा करने को लेकर विधायकों को राजस्थान विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के लिये विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत कर रखी है. इसी शिकायत पर अध्यक्ष ने बागी विधायकों को नोटिस जारी किए थे.
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