अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस और चीन दो देश हैं जिन्होंने भारत की मेजबानी में हुई जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में संयुक्त वक्तव्य जारी करने का समर्थन नहीं किया. रूस के हमले का उल्लेख करने पर दोनों देशों के विरोध का नतीजा यह हुआ कि भारत के मतभेद दूर करने के प्रयासों के बावजूद बैठक संयुक्त वक्तव्य जारी हुए बिना समाप्त हो गई.
ब्लिंकन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘रूस और चीन ही ऐसे देश हैं जिन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वे हस्ताक्षर नहीं करेंगे.'' उन्होंने यह भी कहा कि जी-20 के लिए भारत के एजेंडा का अमेरिका पुरजोर समर्थन करता है.
ब्लिंकन ने कहा कि बैठक में एक परिणाम दस्तावेज स्वीकार किया गया जिसमें विभिन्न विषयों पर सभी विदेश मंत्रियों की साझा सहमति झलकी. उन्होंने कहा कि अमेरिका यूक्रेन का समर्थन करता रहेगा.
जी-20 की बैठक में वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का उल्लेख करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी यह बात सही है कि बहुपक्षीय प्रणाली में चुनौतियां होती हैं.
ब्लिंकन ने कहा, ‘‘कई मायनों में ये चुनौतियां सीधे रूस से आ रही हैं, जो इस प्रणाली के केंद्र में रहने वाले सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहा है.'' भारत में बीबीसी के कार्यालयों में आयकर के सर्वेक्षण के बारे में पूछे जाने पर ब्लिंकन ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया.
ब्लिंकन ने यह भी बताया कि उन्होंने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से संक्षिप्त बातचीत की और उनसे अपने फैसले को बदलकर नयी स्टार्ट संधि को लागू करने का आग्रह किया.
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