राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघ संचालक मोहन भागवत ने एक बार फिर भारत को हिंदू राष्ट्र बताते हुए कहा है कि इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी का धर्म या जाति बदलना चाहते हैं. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'जब आरएसएस का कोई कार्यकर्ता कहता हैं कि यह देश हिंदुओं का है और 130 करोड़ लोग हिंदू हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी के धर्म, भाषा या जाति को बदलना चाहते हैं. हम संविधान से अलग कोई सत्ता केंद्र नहीं चाहते हैं. क्योंकि हम संविधान पर विश्वास करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'संविधान कहता है कि हमें भावनात्मक एकीकरण लाने की कोशिश करनी चाहिए. लेकिन भावना क्या है? वह भावना है- यह देश हमारा है. हम अपने महान पूर्वजों के वंशज हैं और हमें अपनी विविधता के बावजूद एक साथ रहना होगा. इसे ही हम हिंदुत्व कहते हैं.' बता दें, मोहन भागवत इससे पहले भी भारत के 130 करोड़ लोगों को हिंदु बता चुके हैं. हालांकि उनके इस बयान केंद्र भाजपा सरकार में मंत्री रामदास अठावले ही असहमति जताते हुए नजर आए थे.
RSS chief Mohan Bhagwat: When workers of RSS say that this country belongs to Hindus & 130 crore people are Hindu, it doesn't mean that we want to change anyone's religion, language or caste... We don't want any power center other than the Constitution because we believe in it. pic.twitter.com/8nxAizVu0n
— ANI UP (@ANINewsUP) January 19, 2020
RSS chief Mohan Bhagwat: Constitution says we should try to bring emotional integration. But what is the emotion? That emotion is-this country belongs to us, we are descendant of our great ancestors & we have to live together despite our diversity. This is what we call Hindutva. pic.twitter.com/fUTaxNyVBh
— ANI (@ANI) January 19, 2020
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा था कि वह आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की इस बात से सहमत नहीं हैं कि भारत में रहने वाले सभी 130 करोड़ लोग हिंदू हैं. भागवत ने गुरुवार को हैदराबाद में कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की पूरी आबादी को हिंदू समाज मानता है, चाहे उनका धर्म और संस्कृति कुछ भी हो.
RSS प्रमुख बोले- भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू मानता है संघ तो रामदास अठावले का आया बयान, बोले...
इसके बाद एनडीए के घटक दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख और दलित नेता आठवले ने कहा था कि वह भागवत के बयान से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा था, ‘अगर यह कहा जाए कि आरएसएस हर किसी को भारतीय मानता है (हिंदू के बदले) और हम सभी एकजुट हैं तो मैं समझ सकता हूं. हिंदू बहुसंख्यक समुदाय है, लेकिन बौद्ध, मुस्लिम, ईसाई, जैन, दलित, पिछड़ा वर्ग भी हैं. हम सब एक हैं और भारतीयों के रूप में एकजुट हैं.'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं