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This Article is From Dec 28, 2023

संस्कृति से प्रेरित होती है प्रत्येक राष्ट्र की अपनी अनूठी जीवन शैली : RSS प्रमुख मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘हम सभी के पूर्वज और मूल्य समान हैं. हमें अपनी विविधता का पालन करते हुए अपनी एकता को आगे बढ़ाना होगा."

संस्कृति से प्रेरित होती है प्रत्येक राष्ट्र की अपनी अनूठी जीवन शैली : RSS प्रमुख मोहन भागवत
माजुली:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि हर देश की जीवन जीने की अपनी अनूठी शैली होती है जो उसकी संस्कृति से प्रेरित होती है. भागवत ने माजुली में उत्तरी कमला बाड़ी सत्र में ‘पूर्वोत्तर संत मणिकंचन सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत की संस्कृति ‘एकं सद् विप्रा बहुधा वदन्ति' (सत्य एक है लेकिन बुद्धिजीवियों द्वारा इसे अलग-अलग तरीके से प्रकट किया जाता है) के माध्यम से प्रतिबिंबित होती है. यह सर्व-समावेशी परंपरा केवल भारत में मौजूद है.''

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश को दुनिया को शांति और सह-अस्तित्व का संदेश देने के लिए मजबूती से खड़ा होना होगा और ‘‘इस महान कार्य को पूरा करने के लिए हमारे समाज में आध्यात्मिक नेताओं को आगे आना होगा.'' आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘हम सभी के पूर्वज और मूल्य समान हैं. हमें अपनी विविधता का पालन करते हुए अपनी एकता को आगे बढ़ाना होगा. एकता एकरूपता नहीं है, बल्कि एकजुटता है.'' भागवत ने कहा कि लोगों को सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार के माध्यम से समाज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. उन्होंने कहा, ‘‘भारत के शाश्वत आध्यात्मिक मूल्यों और समय की कसौटी से गुजरे रीति-रिवाजों को बनाए रखने के लिए परिवारों में राष्ट्रीय जागरूकता की बहुत आवश्यकता है.''

उन्होंने सभी आध्यात्मिक नेताओं से इस संदेश और सर्वोत्तम आध्यात्मिक मूल्यों को नयी पीढ़ी तक पहुंचाने का अनुरोध किया. भागवत ने कहा, ‘‘जिस तरह असम के महान संत श्रीमंत शंकरदेव ने सामाजिक सुधार लाकर महान उदाहरण पेश किया, उसी तरह हम सभी को अपने परोपकारी व्यवहार के माध्यम से अपने समाज के भीतर विभिन्न सामाजिक बुराइयों को खत्म करना होगा.''

एक दिवसीय सम्मेलन में असम के 48 सत्र और पूरे पूर्वोत्तर राज्यों के 37 विभिन्न धार्मिक संस्थानों और संप्रदायों से जुड़े कुल 104 आध्यात्मिक नेताओं ने भाग लिया. सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं और समुदायों के बीच समन्वय, सद्भावना और सद्भावना को आगे बढ़ाना था. भागवत माजुली की दो दिवसीय यात्रा पर हैं जो एक सार्वजनिक बैठक के बाद शुक्रवार को समाप्त होगी.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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