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पैदल यात्रियों के बीच गुजरेगी गाड़ियां... ऋषिकेश में तैयार कांच का पुल, 100 साल पुराने लक्ष्मण पुल की जगह लेगा

Bajrang Setu: उत्तराखंड के ऋषिकेश में बजरंग सेतु भारत में कांच का पहला सस्पेंशन ब्रिज होगा. यह लक्ष्मण झूले की जगह ले सकते हैं.

पैदल यात्रियों के बीच गुजरेगी गाड़ियां... ऋषिकेश में तैयार कांच का पुल, 100 साल पुराने लक्ष्मण पुल की जगह लेगा
Glass Suspension Bridge
  • ऋषिकेश का नया बजरंग सेतु ग्लास सस्पेंशन ब्रिज होगा जो लक्ष्मण झूला की जगह लेगा और पैदल यातायात के लिए बनेगा
  • बजरंग सेतु की लंबाई 132 मीटर है और इसे 31 दिसंबर 2025 तक लगभग 69 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा
  • पुल पर दोनों तरफ पैदल चलने का रास्ता और बीच में दोपहिया वाहन चलाने के लिए 5.30 मीटर चौड़ी लेन बनाई गई है
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नई दिल्ली:

ऋषिकेश का विश्व प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला इतिहास बनने जा रहा है और उसकी जगह एक नया पुल तैयार हो रहा है. इसे बजरंग सेतु का नाम दिया गया है. यह देश का सबसे अनोखा पुल होगा, क्योंकि इसमें दोनों तरफ यात्रियों के आने जाने पैदल चलने के लिए शीशे का पुल बनाया जा रहा है और बीच में टू व्हीलर के आने-जाने का रास्ता है. ऋषिकेश का बजरंग सेतु जल्द ही पर्यटकों के लिए खुल जाएगा. यह 132 मीटर लंबा पुल 31 दिसंबर 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा. बजरंग सेतु पर करीब 69 करोड़ रुपये लागत आई है. इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना बजरंग सेतु लगभग 90 फीसदी बन चुका है. गंगा नदी के ऊपर से गुजरने का यह अनोखा अनुभव देगा. यह कांच का पुल एक आधुनिक सस्पेंशन ब्रिज है. यह ग्लास वॉकवे लगभग 100 साल पुराने लक्ष्मण झूले की जगह ले रहा है.

Glass Suspension Bridge

Glass Suspension Bridge

टिहरी और पौड़ी जिले को जोड़ेगा बजरंग सेतु
बजरंग सेतु टिहरी और पौड़ी जिले को जोड़ेगा. बजरंग सेतु पर तीन तरह की रेलिंग बनाई जा रही हैं. पैदल यात्रियों के आने जाने के रास्ते के बीच बाइक स्कूटी जैसे दोपहिया के लिए रास्ता बनाया गया है. बजरंग सेतु में खास तरह की लाइटें लगाई जाएंगी. साथ ही सीसीटीवी भी लगाए जाएंगे. बजरंग सेतु के दोनों छोर पर केदारनाथ मंदिर की आकृति का निर्माण किया गया है.

बजरंग सेतु की खूबियां

  1. यह 132 मीटर लंबा पुल 31 दिसंबर 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा
  2. 69 करोड़ रुपये लागत आई है बजरंग सेतु पर करीब
  3. 100 साल पुराने लक्ष्मण झूले की जगह लेगा यह ग्लास वॉकवे
  4. 12MM के पांच लेयर टफन ग्लास लगाया गया ग्लास सस्पेंशन ब्रिज में

गंगा के ऊपर से मनमोहक नजारे
ये ग्लास वाला डिजाइन दिन में गंगा के मनमोहक नजारे पेश करेगा. जबकि रात में ये रोशनी से जगमगाते हुए एक शानदार तस्वीर पेश करेगा. रोमांच पसंद करने वालों और फोटोग्राफरों के लिए, यह जल्द ही उत्तराखंड में सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक बन जाएगा. पुल की बीच वाली लेन पर दोपहिया वाहन चल सकेंगे. बजरंग सेतु में 5.30 मीटर की चौड़ाई बीच में रखी गई है. इसमें टू व्हीलर भी चल सकेंगे.

Glass Bridge

Glass Bridge

कांच का पुल बनेगा ऋषिकेश की शान
इसके अलावा कभी भविष्य में गाड़ी चलाने का भी अगर कोई प्लान होगा तो बीच के पिलर्स निकाल दिए जाएंगे. बजरंग सेतु कांच के तौर पर टफन ग्लास का उपयोग किया गया है. लगभग 12MM के पांच लेयर टफन ग्लास लगाया गया है. उत्तराखंड पीडब्ल्यूडी विभाग के HOD राजेश चंद्र शर्मा ने कहा कि जल्द ही बजरंग सेतु आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा फिलहाल अभी इसमें 90% से ज्यादा काम हो चुका है.

लक्ष्मण झूला पुल का निर्माण साल 1929 में
ऋषिकेश का लक्ष्मण झूला पुल का निर्माण साल 1929 में हुआ था. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, इसी जगह पर रामायण के लक्ष्मण ने जूट की रस्सियों से नदी पार की थी. 2019 से बंद पड़े पुराने लक्ष्मण झूला पुल की जगह यह नया बजरंग सेतु लेने जा रहा है. करीब 92 साल पुराने लक्ष्मण झूला पुल पर सुरक्षा की दृष्टि से 13 जुलाई 2019 को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था. लक्ष्मण झूला पुल लोहे का सस्पेंशन पुल था. इस लक्ष्मण झूला पुल पर ऋषिकेश आने वाले श्रद्धालु और पर्यटकों ने अपनी यादगार के तौर पर तस्वीरें खींची हैं.

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