भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को नासिक जिला गिरणा सहकारी बैंक लिमिटेड का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया. इसका कारण बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाओं का नहीं होना है. भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि लाइसेंस रद्द करने के परिणामस्वरूप, बैंक को तत्काल प्रभाव से 'बैंकिंग' व्यवसाय करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिसमें जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान शामिल है.
आरबीआई ने अपने बयान में यह भी कहा कि महाराष्ट्र के आयुक्त एवं पंजीयक सहकारिता से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है.
परिसमापन पर, प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से अपनी जमा राशि की पांच लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा.
रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 99.92 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं.''
डीआईसीजीसी ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर कुल बीमाकृत जमा राशि में से 16.27 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है.
रिजर्व बैंक ने कहा कि सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं और यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहा है.
ये भी पढ़ें:-
एक और बैंक का लाइसेंस रद्द, 42000 लोग परेशान, जमापूंजी निकालने के लिए
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं