विज्ञापन

Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस में शामिल होने से पहले जान लें राष्ट्रगान जन गण मन को सही से गाने के नियम

देश के राष्ट्रगान को सन 1905 में सबसे पहले बंगाली भाषा में लिखा गया था. इसे रविंद्र नाथ टैगोर ने लिखा था. इसे सबसे पहली बार कलकत्ता में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया था.

Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस में शामिल होने से पहले जान लें राष्ट्रगान जन गण मन को सही से गाने के नियम
गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर अनोखा होगा नजारा
नई दिल्ली:

देश आज 76वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मना रहा है. इस खास मौके पर कर्तव्य पथ पर भारतीय सेना अपनी ताकत से दुनिया को रूबरू कराने जा रही है. साथ इस मौके पर देश के सभी राज्यों की झांकियां भी कर्तव्य पथ पर आए दर्शकों को आकर्षित करेंगे. गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रगान का भी अपना एक अलग ही महत्व है. ऐसे ये बेहद जरूरी है कि हमे ये पता हो कि आखिर राष्ट्रगान गाने और उसे इन खास मौके पर बजाने का नियम क्या है. ये वो नियम हैं जिन्हें हमेशा से ही राष्ट्रगान के दौरान ध्यान रखने की सलाह भी दी जाती है. 

Latest and Breaking News on NDTV


आखिर क्या है कुछ हैं नियम 

  • राष्ट्रगान गाते समय हमेशा से ही इसमें इस्तेमाल किए गए शब्दों के उच्चारण पर ध्यान देने की बात कही जाती रही है. इसके साथ-साथ ही हमेशा से ऐसी कोशिश होनी चाहिए कि ये 52 सेकेंड के अंदर ही पूरा कर लिया जाए.
  • राष्ट्रगान जिस समय बज रहा हो उस दौरान आसपास शांत माहौल होना चाहिए. इस दौरान किसी दूसरे गानों की आवाज या किसी भी तरह का शोर नहीं होना चाहिए. 
  • राष्ट्रगान को लेकर शब्दों का चयन भी बेहद अहम बताया गया है. कहा जाता है कि इस लेकर किसी तरह की अशोभनीय शब्दों के इस्तेमाल से हमेशा ही बचना चाहिए. 
  • राष्ट्रगान जिस समय गाया जाए उस दौरान सभी को सावधान मुद्रा में खड़े रहना चाहिए. 


किसने लिखा था राष्ट्रगान 

देश के राष्ट्रगान को सन 1905 में सबसे पहले बंगाली भाषा में लिखा गया था. इसे रविंद्र नाथ टैगोर ने लिखा था. इसे सबसे पहली बार कलकत्ता में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया था. 1947 में जब देश को आजादी मिली तो इसके बाद से ही यह गीत राष्ट्रगान बन गया.

Latest and Breaking News on NDTV

झांकी का विषय ‘सशक्त और सुरक्षित भारत'

आज की परेड में कई अन्य चीजें भी पहली बार देखने को मिलेंगी, जैसे तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) की झांकी, जो सशस्त्र बलों के बीच ‘‘तालमेल'' को दर्शाएगी. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, झांकी में युद्ध के मैदान का परिदृश्य दिखाया जाएगा, जिसमें स्वदेशी अर्जुन युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के साथ थल, जल और वायु में समन्वित अभियान का प्रदर्शन किया जाएगा. तीनों सेनाओं की झांकी का विषय ‘सशक्त और सुरक्षित भारत' होगा. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, औपचारिक परेड की शुरुआत 300 सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले वाद्ययंत्रों पर ‘सारे जहां से अच्छा' की धुन बजाकर की जाएगी.अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, डीआरडीओ ‘रक्षा कवच -बहु-क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ बहु-स्तरीय सुरक्षा' विषय पर एक झांकी पेश करेगा.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com