अमेरिकी एनएसए के पूर्व कर्मचारी और अब व्हिसलब्लोअर बने एडवर्ड स्नोडेन ने खुलासा किया है कि एनएसए ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जासूसी कराई थी। स्नोडेन के मुताबिक अमेरिकी एजेंसी एनएसए ने दुनिया की छह राजनैतिक पार्टियों की जासूसी का आदेश दिया था और बीजेपी भी उनमें से एक थी। सूत्रों के मुताबिक भारत ने इस मामले पर कड़ी आपत्ति जताने के लिए दिल्ली में अमेरिकी राजनयिकों को तलब किया। भारत ने अमेरिका से आश्वासन मांगा है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो। सरकार ने साफ कर दिया है कि भारत को इस तरह की जासूसी बर्दाश्त नहीं है।
इस खबर के आते ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह अमेरिकी अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को जरूर उठाएगा और अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा। इस मामले का खुलासा करने वाले स्नोडन फिलहाल रूस में शरण लिए हुए हैं, जबकि अमेरिका उन्हें गिरफ्तार करने की हरसंभव कोशिशों में जुटा हुआ है।
'द वाशिंगटन पोस्ट' द्वारा मंगलवार को सार्वजनिक किए गए दस्तावेज के अनुसार भाजपा का नाम लेबनान की अमाल, मिस्र की मुस्लिम ब्रदरहुड और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के साथ उन विदेशी राजनीतिक दलों की सूची में शामिल है, जिन पर निगरानी रखने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) को इजाजत दी गई।
अखबार के मुताबिक दस्तावेज में 193 विदेशी सरकारों और विदेशी दलों तथा लोगों के नाम हैं, जो फॉरेन इंटेलीजेंस सर्विलांस कोर्ट द्वारा मंजूर 2010 के एक प्रमाणपत्र का हिस्सा हैं। इस सूची में भारत का भी नाम है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि पहले जब इस तरह की जानकारी हमें मिली थी, तो मुद्दे को नई दिल्ली और वाशिंगटन में, दोनों जगह अमेरिकी अधिकारियों के साथ उठाया गया था। उन्होंने कहा, हम इसी प्रक्रिया को अपनाएंगे, क्योंकि अगर यह सच है, तो किसी भारतीय संगठन, भारतीय नागरिक की निजता का हनन पूरी तरह अस्वीकार्य है।
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