रिलायंस समूह ने अपने प्रमुख अनिल अंबानी को राजनीतिक साठगांठ से काम करने वाला पूंजीपति बताने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयानों को रविवार को खरिज किया. समूह ने कहा कि राहुल उनके खिलाफ अपने ‘मिथ्याचार, दुष्प्रचार और दुर्भावना प्रेरित झूठ' को जारी रखे हुए हैं. रिलायंस समूह ने इस संदर्भ में सवाल किया है कि उनकी कंपनियों को पिछली संयुक्त प्रगतिशील सरकार (यूपीए सरकार) के दौर में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के ठेके मिले थे क्या वह सरकार क्रोनी कैपिटलिस्टों और बेइमान व्यापारियों की मदद कर रही थी?
बता दें, राहुल ने हाल में मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि अनिल अंबानी ‘क्रोनी कैपिटलिस्ट' (राजनीतिज्ञों से साठ गांठ कर के फायदा कमाने वाले पूंजीपति) हैं. रिलायंस समूह ने कहा कि राहुल मिथ्याचार, दुष्प्रचार और दुर्भावना से प्रेरित झूठ फैलाने का अभियान जारी किये हुए हैं. बयान में कहा गया, ‘उन्होंने हमारे समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी पर क्रोनी कैपिटलिस्ट होने और बेईमान कारोबारी होने का आरोप लगाया है... ये सभी निश्चित तौर पर असत्य बयान हैं.'
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साथ ही समूह ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच उसे बिजली, दूरसंचार, सड़क, मेट्रो आदि जैसे विविध बुनियादी संरचना क्षेत्रों में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के ठेके मिले. बयान में कहा गया, ‘राहुल के ही शब्दों को अधार बनाकर रिलायंस समूह इस मौके पर उनसे यह स्पष्ट करने का अनुरोध करता है कि क्या उनकी अपनी सरकार 10 साल तक एक कथित क्रोनी कैपिटलिस्ट और बेईमान कारोबारी की मदद कर रही थी.'
(डिस्क्लेमर : अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने NDTV पर राफेल सौदे की कवरेज को लेकर 10,000 करोड़ रुपये का मुकदमा किया है.)
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