पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज़ इंटेलिजेन्स (आईएसआई) की मदद से आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा जम्मू में रिफ्यूजी कैम्पों पर हमले कर सकता है। गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक आईएसआई का एक कर्नल, जिसका नाम मसूद खान है, इस हमले को को-ऑर्डिनेट कर रहा है और उसे छोटे-छोटे दस्तों को सीमा से घुसपैठ करवाने की ज़िम्मेदारी दी गई है।
जानकारी के अनुसार, आतंकवादियों का यह दस्ता सियालकोट के शकद गड के पास एक लॉन्चिंग पैड पर डेरा जमाकर बैठा हुआ है। जानकारी यह भी है कि दस्ते का कमांडर बड़ा भाई मसरूर है, और जब ये लोग घुसपैठ की कोशिश करेंगे, तब पाकिस्तानी सेना इन्हें कवरिंग फायर के जरिये मदद देगी।
इस जानकारी के बाद पल्लनवला, कठुआ और सिंबल में रिफ्यूजी कैम्पों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इन कैम्पों में ज्यादातर सिख समुदाय के लोग रहते हैं। वर्ष 2000 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा से पहले अनंतनाग के चिट्टीसिंहपुरा में सिख समुदाय के 36 लोगों की हत्या कर दी गई थी, और अब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा से पहले हमारे सुरक्षाबल कोई जोखिम नहीं लेना चाहते, इसलिए सतर्कता का लेवल हाई कर दिया गया है।
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