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​व्हाइट-कॉलर टेररिस्ट: कश्मीर में आतंकवाद का बदलता चेहरा, सुरक्षाबलों की नई चुनौती

लाल किला धमाके के बाद घाटी में आतंकियों और उनके मॉड्यूल्स के खिलाफ अभियान और तेज हो गया है. शुरुआती जांच के मुताबिक व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल में कई प्रशिक्षित आतंकी सक्रिय थे.

​व्हाइट-कॉलर टेररिस्ट: कश्मीर में आतंकवाद का बदलता चेहरा, सुरक्षाबलों की नई चुनौती
  • जम्मू-कश्मीर में करीब 131 आतंकी सक्रिय हैं, जिनमें जिनमें 122 पाकिस्तानी नागरिक और सिर्फ 9 स्थानीय हैं.
  • इन लोगों को ऑनलाइन रेडिकलाइज कर इस्तेमाल किया जा रहा है. इन्हें एजेंसियां 'व्हाइट-कॉलर टेररिस्ट' कह रही हैं.
  • स्थानीय आतंकियों की संख्या बहुत कम है, जिससे आतंकवाद में भर्ती के पैटर्न में बदलाव स्पष्ट होता है.
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नई दिल्‍ली:

लालकिले धमाके के तार कश्मीर से जुड़ने के बाद एक फिर से घाटी में आतंकियों की तलाश शुरू हो गई है. वैसे  5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने और राज्य के पुनर्गठन के बाद यह दावा किया जा रहा था कि घाटी में आतंकवाद लगभग खत्म हो चुका है. लेकिन लाल किले के पास हुए बम धमाके ने एक बार फिर इस सवाल को चर्चा में ला दिया है कि कश्मीर में वास्तव में कितने आतंकी सक्रिय हैं.

कश्‍मीर में कितने आतंकी 

केंद्रीय एजेंसियों की गहन जांच के दौरान देशभर में फैले टेरर नेटवर्क का पर्दाफाश हो रहा है. इसी बीच, घाटी में सक्रिय विदेशी और स्थानीय आतंकियों की मौजूदगी सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चुनौती बनी हुई है. अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा आतंकी ढांचा अभी भी सिक्योरिटी फोर्सेज के सामने बड़ी समस्या बना हुआ है. 

खुफिया विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल जम्मू-कश्मीर में करीब 131 आतंकी सक्रिय हैं, जिनमें 122 पाकिस्तानी नागरिक और सिर्फ 9 स्थानीय युवक शामिल हैं. सुरक्षाबलों ने इस वर्ष अब तक 45 आतंकियों को ढेर कर दिया है. स्थानीय आतंकियों की मामूली संख्या इस बात का संकेत है कि रिक्रूटमेंट पैटर्न में बड़ा बदलाव आया है. आतंकी संगठन अब स्थानीय युवाओं को शामिल करने में असफल हो रहे हैं और इसके बदले पढ़े-लिखे, पेशेवर लोगों को निशाना बना रहे हैं. 

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व्हाइट-कॉलर टेरर, बड़ी प्राथमिकता 

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों को ऑनलाइन रेडिकलाइज कर सुसाइड बॉम्‍बर, लॉजिस्टिक सपोर्ट, फंडिंग और नेटवर्किंग जैसी भूमिकाओं में इस्तेमाल किया जा रहा है. इन्हें एजेंसियां 'व्हाइट-कॉलर टेररिस्ट' कह रही हैं. दिल्ली धमाके ने इस नए पैटर्न को उजागर कर दिया है. जांच में सामने आया है कि डॉक्टरों सहित कुछ उच्च-शिक्षित पेशेवर भी 10 नवंबर को हुए इस हमले की साजिश में शामिल थे, जिसमें कई लोग मारे गए और कई घायल हुए. यही कारण है कि सुरक्षा बलों के लिए इस व्हाइट-कॉलर टेरर इकोसिस्टम को ध्वस्त करना अब सबसे बड़ी प्राथमिकता बन चुका है. 

साल 2024 में ढेर हुए कितने आतंकी 

इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2024 में 61 आतंकी मारे गए, जिनमें से 45 घाटी के अंदरूनी इलाकों में और 16 एलओसी के पास ढेर किए गए. इनमें से 21 पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान हुई है. लाल किला धमाके के बाद घाटी में आतंकियों और उनके मॉड्यूल्स के खिलाफ अभियान और तेज हो गया है. शुरुआती जांच के मुताबिक व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल में कई प्रशिक्षित आतंकी सक्रिय थे, जो बेहद संगठित तरीके से आतंक तंत्र को संचालित कर रहे थे. 

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