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This Article is From Jul 25, 2022

बिहार में नीतीश की मर्ज़ी के मुताबिक कैसे आरसीपी सिंह उनके खिलाफ बागी हो रहे हैं

आरसीपी सिंह ने कुछ खुलकर तो नहीं बोला, लेकिन इतना ज़रूर कहा कि उन्हें कोई हाशिये पर लाने की नहीं सोच सकता. क्योंकि उन्हें अपने जीवन में वो चाहे नौकरी हो या राजनीतिक जीवन सब कुछ पाया हैं, जो एक सामान्य लोग पाने की आकांक्षा रखते हैं.

बिहार में नीतीश की मर्ज़ी के मुताबिक कैसे आरसीपी सिंह उनके खिलाफ बागी हो रहे हैं
आरसीपी के बयानों से साफ़ हैं कि वो बाग़ी हो चुके हैं
पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन की सचाई है कि उनके अधिकांश कट्टर आलोचक और विरोधी एक समय में उनके ख़ासे करीबी रहे हैं. इस सूची में अब पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह का भी नाम धीरे-धीरे जुड़ने लगा हैं. नीतीश कुमार द्वारा राज्य सभा की सदस्यता से वंचित किए जाने के बाद उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा देने पर मजबूर किया गया. कुछ महीनों पूर्व तक नीतीश कुमार के करीबी रामचंद्र प्रसाद सिंह इन दिनों नालंदा ज़िले में अपने गाँव में प्रवास कर रहे हैं.

विधिवत रूप से दिल्ली से बोरिया बिस्तर बांधकर वापस लौटने के बाद आरसीपी सिंह ने अपने मन की बात अब तक नहीं की हैं. लेकिन रविवार को जब एक पार्टी कार्यकर्ता की मौत के बाद उनके परिवार वालों से मिलने के समय जो उनके पक्ष  में ये नारा लगा कि बिहार का भावी मुख्य मंत्री कैसा हो आरसीपी सिंह जैसा हो. ये निश्चित रूप से नीतीश कुमार और उनके समर्थकों को नागवार गुज़रा होगा और वो उन्हें चिढ़ाने के लिए ही आरसीपी सिंह के समर्थक लगा रहे थे.

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आरसीपी सिंह ने कुछ खुलकर तो नहीं बोला, लेकिन इतना ज़रूर कहा कि उन्हें कोई हाशिये पर लाने की नहीं सोच सकता. क्योंकि उन्हें अपने जीवन में वो चाहे नौकरी हो या राजनीतिक जीवन सब कुछ पाया हैं, जो एक सामान्य लोग पाने की आकांक्षा रखते हैं.  नीतीश कुमार के बारे में कुछ ख़ास नहीं कहा लेकिन ये कह कर उनकी दुखती रग पर हाथ ज़रूर रख दिया कि नीतीश कुमार का पैतृक गाँव भले नालंदा ज़िले में हो लेकिन वो उनका जन्मस्थान बख़्तियारपुर हैं. जबकि आरसीपी ने अपने बारे में कहा कि उनका जन्मस्थान भी नालंदा ज़िला हैं.

इस बात का अलग-अलग अर्थ लगाया जा रहा हैं. लेकिन एक बात साफ़ हैं कि आरसीपी अपने आप को नालंदा का धरतीपुत्र बता रहे हैं. इसके अलावा वर्तमान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह के बारे में कहा कि उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के समय उनके नाम के प्रस्तावक वहीं थे.

आरसीपी के बयानों से साफ़ हैं कि वो बाग़ी हो चुके हैं और उनको अंदाज़ा हैं कि देर सवेर उनके ख़िलाफ़ कारवाई कर पार्टी से निकालने की नीतीश कुमार अपने दिलीइच्छा को पूरा करेंगे. क्योंकि नीतीश जब अपने नज़दीकियों को किनारा करते हैं तो राजनीतिक प्रताड़ना का कोई अंत नहीं. लेकिन फ़िलहाल आरसीपी जितना फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं.. वैसे में नीतीश को कोई कारवाई करने का समुचित आधार नहीं मिल रहा.

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