रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बेंचमार्क पॉलिसी रेट (Policy Rate Hiked) बढ़ा दिया. आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (RBI MPC) ने रेपो रेट में 40 बेसिस पॉइंट या 0.4% की बढ़ोतरी की गई है. यानी अब रेपो रेट 4.4% हो गया है. गवर्नर दास ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध का असर महसूस हो रहा है और युद्ध के प्रभाव को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने भी समझा है. वहीं, बढ़ती महंगाई को देखते हुए आरबीआई अपने 'accommodative stance' यानी उदार रुख को छोड़ते हुए अब बेंचमार्क रेट को बढ़ा रही है.
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की इस घोषणा के बाद शेयर बाज़ारों में ज़ोरदार गिरावट दर्ज की गई. बुधवार को कारोबार के दौरान बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में 1450 अंक से भी ज़्यादा की गिरावट आई, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के सूचकांक निफ्टी में भी 450 अंक तक की गिरावट आई.
रेपो दर पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो दर के तहत बैंकों को अपना पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने पर ब्याज मिलता है.
अचानक हुई एमपीसी की बैठक के बाद दास ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव की वजह से मुद्रास्फीति बढ़ रही है. नीतिगत दर में वृद्धि का मकसद मध्यम अवधि में आर्थिक वृद्धि संभावना को मजबूत और सुदृढ़ करना है. उन्होंने चेताया कि खाद्य महंगाई में और बढ़ोतरी दर्ज होगी.
बता दें कि पिछले दो सालों से आरबीआई ने उदार नीति बरकरार रखी थी. अप्रैल, 2022 तक इसके पहले की मौद्रिक नीति समिति की पिछली 11 बैठकों से पॉलिसी रेट यथावत रखे गए थे. अभी इसी महीने की शुरुआत में हुई बैठक में एमपीसी ने नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर बरकरार रखा था.
पौने चार साल बाद आरबीआई ने बढ़ाए रेट
आरबीआई ने पौने चार साल बाद पॉलिसी रेट बढ़ाए हैं. रिजर्व बैंक ने अगस्त, 2018 के बाद पहली बार नीतिगत दर में बढ़ोतरी की है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने ही अपने उदार रूख को वापस लेने के इरादे की घोषणा की थी. उनकी इस घोषणा के बाद अनुमान जताया जा रहा था कि आरबीआई जून में ही बेंचमार्क रेट में वृद्धि कर सकती है.
खुदरा महंगाई से पस्त
खुदरा मुद्रास्फीति पिछले तीन महीने से लक्ष्य की उच्चतम सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई दर लक्ष्य की ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. अप्रैल महीने में भी इसके ऊंचे रहने की संभावना है. मार्च महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत थी.
शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट
पॉलिसी रेट में बढ़ोतरी के बाद घरेलू शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आ गई है. सेंसेक्स इसके बाद 1,200 अंकों तक की गिरावट दर्ज कर रहा था. वहीं, निफ्टी 400 अंकों तक गिर गया था. दोपहर 2.30 बजे बीएसई सेंसेक्स में 860.66 अंकों या 1.51% की गिरावट आ चुकी थी और इंडेक्स 56,115.33 के स्तर पर था. वहीं, एनएसई निफ्टी 253.45 अंकों या 1.48% की गिरावट के साथ 16,815.65 के स्तर पर था.
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