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This Article is From May 25, 2017

बलात्कारियों की चमड़ी उधेड़ कर सड़क पर जुलूस निकालना चाहिए : आंध्र प्रदेश महिला आयोग

आंध्र प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष ने बलात्कारियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करते हुए कहा कि बलात्कारियों की चमड़ी उधेड़ दी जानी चाहिए और उनका सड़क पर जुलूस निकालना चाहिए.

बलात्कारियों की चमड़ी उधेड़ कर सड़क पर जुलूस निकालना चाहिए : आंध्र प्रदेश महिला आयोग
नन्नापनेनी राजकुमारी विधायक भी रही हैं तथा महिलाओं के मुद्दों को प्रमुखता से उठाती हैं
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मेला देखने गईं दो लड़कियों से किया था आठ लड़कों ने बलात्कार
मामले को खत्म करने के लिए पीड़िताओं को 50 हजार रुपये देने की पेशकश
नन्नापनेनी ने छात्रावासों, कार्यस्थलों में CCTV लगवाने की मांग की
अमरावती: आंध्र प्रदेश महिला आयोग कॉलेज छात्राओं में चाकू बांटना चाहता है ताकि वे बलात्कार जैसे अपराधों से अपनी रक्षा कर सकें. विशाखापत्तनम के एक सरकारी अस्पताल में दो बलात्कार पीड़िताओं से मिलने के बाद भावुक हुई आयोग की अध्यक्ष नन्नापनेनी राजकुमारी ने कहा कि बलात्कारियों की चमड़ी उधेड़ दी जानी चाहिए और उनका सड़क पर जुलूस निकालना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘हम कानून लाने की योजना बना रहे हैं. जब कुछ मर्द जंगली जानवरों जैसा व्यवहार करते हैं और इस तरह की क्रूर हरकतों का सहारा लेते हैं तो मुझे लगता है कि लड़कियों के हाथ में चाकू दे देने चाहिए. इसके लिए एक कानून लाना जरूरी है.’ 

पूर्व विधायक राजकुमारी ने कहा, ‘हम उनकी चमड़ी उधेड़ देंगे. पुलिस को भी पकड़े जाने पर बलात्कारियों के चेहरे नहीं ढंकने चाहिए. इसकी बजाए सड़कों पर उनका जुलूस निकाला जाना चाहिए जहां लोग उन्हें जूते-चप्पलों एवं झाडू से मारे और इसके बाद ही उन्हें पुलिस थाने में बंद किया जाए.’उन्होंने कहा कि निर्भया मामले के दोषियों की तरह यहां भी बलात्कारियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए या कम से कम उम्रकैद की सजा दी जाए।

राजकुमारी ने महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए कॉलेजों, छात्रावासों, कार्यस्थलों एवं अस्पतालों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी लगाने की मांग की.

बता दें कि अस्पताल में भर्ती दो पीड़िताओं के साथ आठ लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था. शनिवार को वे अपने दो मित्रों के साथ स्थानीय मेला देखने गई थीं. बारिश होने के कारण उन्होंने एक बंद दुकान के आगे शरण ली. तभी कुछ लोग वहां आए और दोनों पीड़िताओं को जबर्दस्ती अपने साथ ले जाकर बलात्कार किया. 

पीड़िताओं ने जब इस घटना की जानकारी अपने परिवार को दी तो परिजनों ने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने के लिए गांव के बड़े-बूढ़ों से सलाह की. तब गांववालों ने पीड़िताओं को पुलिस में न जाकर आरोपियों से 50 हजार रुपये दिलवाकर मामले को रफा-दफा करने की बात कहीं, लेकिन लड़कियों ने इससे इनकार करते हुए 8 लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया. आरोपियों में एक स्थानीय नेता बेटा और एक पुलिस कांस्टेबल का बेटा समेत 8 लोग शामिल हैं. 

(इनपुट भाषा से भी)
 

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