बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में शुक्रवार दोपहर को एक धमाका (Bengaluru Cafe Blast) हो गया, जिसमें 10 लोग घायल हो गए. रेस्तरां के मालिक ने बताया कि बैग छोड़ने से पहले संदिग्ध रवा इडली खाते हुए देखा गया था. रेस्तरां मालिक दिव्या राघवेंद्र राव ने एनडीटीवी से बातचीत के दौरान उन घटनाक्रम को याद किया, जिसकी वजह से व्हाइटफील्ड आउटलेट में धमाका हुआ. उन्होंने कहा, "जब विस्फोट हुआ तो मेरा मोबाइल फोन मेरे पास नहीं था और जब मैंने फोन उठाया तो बहुत सारे मिस्ड कॉल थे. जब मैंने अपनी टीम को वापस बुलाया, तो उन्होंने मुझे बताया कि रेस्तरां में धमाका हुआ है."
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"रवा इडली खाकर छोड़ गया बैग"
रेस्तरां मालिक दिव्या ने कहा, "पहले मैंने सोचा कि शायद रसोई के अंदर किसी चीज़ की वजह से धमाका हुआ होगा, लेकिन फिर हमें पता चला कि रसोई के अंदर कोई चोट या खून नहीं था और धमाका कस्टमर एरिया में हुआ था." उन्होंने कहा कि CCTV फुटेज में देखा कि मास्क और मफलर पहने एक शख्स बिलिंग काउंटर पर आया और रवा इडली का ऑर्डर दिया. अपना ऑर्डर लेकर वह एक कोने में बैठ गया. उसने अपना खाना खाने के बाद बैग वहीं छोड़ दिया और रेस्तरां से बाहर निकल गया, कुछ देर बाद धमाका हो गया."
"रामेश्नरम कैफे मेरे लिए बच्चे की तरह"
रेस्तरां की मालिक ने कहा कि अच्छी बात यह है कि धमाके वाली जगह पर कोई सिलेंडर नहीं रखा था. रेस्तरां मालिक दिव्या ने कहा कि वह हाल ही में मां बनी हैं. उन्होंने रामेश्नरम कैफे को भी अपने बच्चे की तरह बताया. उन्होंने कहा कि उनके बच्चे के बीच कोई भी अंतर नहीं है. दिव्या ने कहा, "मेरा बिजनेस भी मेरा बच्चा है और मेरे आउटलेट को नुकसान होने से मुझे भी उतना ही दुख हुआ है." उन्होंने अपने ग्राहकों को मैसेज देते हुए कहा कि रामेश्वरम कैफे बहुत जल्द और मजबूती से वापस लौटेगा. दिव्या ने कहा, "व्हाइटफील्ड आउटलेट उसी तरह से काम करेगा जैसे वह कड़ी सुरक्षा और अधिक सुरक्षा प्रणालियों के साथ पहले कर रहा था. हम वापस आएंगे.
"कैफे ब्लास्ट में घायल हुए लोगों की करेंगे मदद"
कैफे मालिक दिव्या ने कहा कि रामेश्वरम कैफे विस्फोट में किसी को गंभीर चोट नहीं पहुंची. इसके लिए वह ईश्वर का शुक्रिया अदा करती हैं, उन्होंने घायलों की मदद करने की बात कही. दिव्या ने बताया कि किसी को कोई गंभीर चोट नहीं लगी है, जिन लोगों को चोटें आई हैं उनके 15-30 दिनों में ठीक होने की संभावना है. उनकी देखभाल की जाएगी, जिससे उनका जीवन फिर से सामान्य हो सके.
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