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This Article is From Aug 11, 2012

रामदेव नई रणनीति की घोषणा करेंगे रविवार को

रामदेव नई रणनीति की घोषणा करेंगे रविवार को
नई दिल्ली: कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे योग गुरु बाबा रामदेव अपनी नई रणनीति की घोषणा रविवार सुबह करेंगे।

उनका तीन दिवसीय अनशन शनिवार शाम खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन तब तक नहीं रुकेगा जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती, लेकिन उन्हें आंदोलन का तरीका बदलना होगा।

स्वामी रामदेव ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नौ अगस्त को अनशन शुरू किया था। वह विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाने, प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित करने और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) व निर्वाचन आयोग के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं।

रामदेव ने समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कहा, "हमारे सिद्धांत नहीं बदलेंगे, लेकिन समय के अनुसार हमारी रणनीति में बदलाव लाने की जरूरत है। नई रणनीति की घोषणा रविवार सुबह की जाएगी।" उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर यदि एक ईमानदार व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज फहराए तो इससे विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। उन्होंने कहा, "यदि एक स्वच्छ छवि वाला व्यक्ति तिरंगा फहराए, तो देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। लेकिन यदि कुछ बेईमान व्यक्ति तिरंगा फहराएंगे तो यह लज्जास्पद होगा। यह कैसे हो सकता है कि आपके हाथों में तिरंगा हो और आपके दिल में नहीं हो।"

बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में लगातार तीसरे दिन भी अपना अनशन पूरे हौले के साथ जारी रखा। इसमें उनके 10,000 समर्थकों ने भी भाग लिया।

कालेधन के खिलाफ उनके आंदोलन के प्रति समर्थन प्रकट करने के लिए दूर-दूर से लोग आए।    

बिहार के मुजफ्फरपुर से लगभग 1,100 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय कर दिल्ली पहुंचे 45 वर्षीय एक दर्जी रुस्तम अली ने कहा, "मैंने ईद के लिए अपनी दुकान बंद कर दी और साइकिल से 11 दिन में यहां पहुंचा हूं।" उन्होंने बताया कि साइकिल से यात्रा करने के पीछे उनका मकसद था रास्ते में लोगों से मिलते हुए उन्हें भ्रष्टाचार की समस्या के प्रति जागरूक करना।

आम धारणा को खारिज करते हुए कि योग गुरु के समर्थक केवल उत्तरी और पूर्वी भारत से अनशन स्थल पर आए हैं, उन्होंने कहा कि देश के दक्षिणी तथा पश्चिमी हिस्से से भी लोग आए।

महाराष्ट्र के सतारा से आए 73 वर्षीय विश्वनाथ जगन्नाथ सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद साधु बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वह 2,000 रुपये कर्ज लेकर इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।

कर्नाटक के रायचूर जिले से आए कल्याण कुमार ने कहा, "मैं सबको घर पर छोड़कर आया हूं और यहां आने के लिए पैसे खर्च किए। घर लौटने पर दो वक्त का खाना जुटाना मुझे भारी पड़ेगा।"

बाबा रामदेव ने गुरुवार को अनशन शुरू करते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। अब वह तरीका बदलकर आंदोलन जारी रखेंगे।

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