नई दिल्ली:
योग गुरु बाबा रामदेव ने अपनी मांगों पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को रविवार शाम पांच बजे तक का मौका दिया था, लेकिन कोई जवाब नहीं आने पर उन्होंने अब सोमवार तक का समय दिया है। विदेशी बैंकों में छिपाए गए कालेधन को वापस लाना उनकी मुख्य मांग है।
रामलीला मैदान में अपने हजारों समर्थकों को सम्बोधित करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि वह प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत ईमानदारी पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, बल्कि चाहते हैं वह राजनीतिक ईमानदारी भी दिखाएं। उन्होंने कहा, "यदि आज शाम तक उन्होंने हमारे आंदोलन की उचित मांग पर कोई कार्रवाई नहीं की, तो उनकी राजनीतिक ईमानदारी पर प्रश्नचिह्न लग जाएगा।"
योग गुरु ने यह घोषणा भी की कि उनका अनशन अभी जारी रहेगा। उन्होंने कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ गत गुरुवार को तीन दिन का सांकेतिक अनशन शुरू किया था जो शनिवार शाम खत्म हुआ था।
बाबा रामदेव ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है जिसमें मांगों की सूची भी है। उनकी मांगों में विदेशी बैंकों में छिपाए गए कालेधन को वापस लाना, प्रभावी लोकपाल विधेयक लाना, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तथा निर्वाचन आयोग के प्रमुखों की नियुक्ति में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाना शामिल हैं। उन्होंने कहा, "मैं अनशन तब तक जारी रखना चाहता हूं, जब तक सरकार कोई कदम नहीं उठाती। लेकिन हम अनशन कब खत्म करेंगे, यह घोषणा सोमवार सुबह की जाएगी।"
बाबा रामदेव ने चेतावनी दी कि उनकी मांगों पर सरकार यदि पहल नहीं करती है तो 'क्रांति' होगी। उन्होंने कहा, "हमने आपको फिर से पत्र भेजा है। यदि कोई निर्णय नहीं लिया गया तो कल से बड़ी क्रांति होगी।"
बाबा रामदेव ने कहा, "मेरा इरादा कांग्रेस को बदनाम करना नहीं है.. जो भी राजनीतिक पार्टी कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना चाहती है, वह मेरे आंदोलन में शामिल हो सकती है।" उन्होंने युवाओं से साथ देने का आह्वान भी किया। रविवार सुबह टीम अन्ना की सदस्य रहीं भारतीय पुलिस सेवा की पूर्व अधिकारी किरण बेदी ने भी बाबा रामदेव के मंच से लोगों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा, "विदेशों से कालाधन वापस लाने की जरूरत है। इसके अलावा देश को प्रभावी जन लोकपाल विधेयक की भी जरूरत है।"
रामलीला मैदान में अपने हजारों समर्थकों को सम्बोधित करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि वह प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत ईमानदारी पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, बल्कि चाहते हैं वह राजनीतिक ईमानदारी भी दिखाएं। उन्होंने कहा, "यदि आज शाम तक उन्होंने हमारे आंदोलन की उचित मांग पर कोई कार्रवाई नहीं की, तो उनकी राजनीतिक ईमानदारी पर प्रश्नचिह्न लग जाएगा।"
योग गुरु ने यह घोषणा भी की कि उनका अनशन अभी जारी रहेगा। उन्होंने कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ गत गुरुवार को तीन दिन का सांकेतिक अनशन शुरू किया था जो शनिवार शाम खत्म हुआ था।
बाबा रामदेव ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है जिसमें मांगों की सूची भी है। उनकी मांगों में विदेशी बैंकों में छिपाए गए कालेधन को वापस लाना, प्रभावी लोकपाल विधेयक लाना, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तथा निर्वाचन आयोग के प्रमुखों की नियुक्ति में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाना शामिल हैं। उन्होंने कहा, "मैं अनशन तब तक जारी रखना चाहता हूं, जब तक सरकार कोई कदम नहीं उठाती। लेकिन हम अनशन कब खत्म करेंगे, यह घोषणा सोमवार सुबह की जाएगी।"
बाबा रामदेव ने चेतावनी दी कि उनकी मांगों पर सरकार यदि पहल नहीं करती है तो 'क्रांति' होगी। उन्होंने कहा, "हमने आपको फिर से पत्र भेजा है। यदि कोई निर्णय नहीं लिया गया तो कल से बड़ी क्रांति होगी।"
बाबा रामदेव ने कहा, "मेरा इरादा कांग्रेस को बदनाम करना नहीं है.. जो भी राजनीतिक पार्टी कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना चाहती है, वह मेरे आंदोलन में शामिल हो सकती है।" उन्होंने युवाओं से साथ देने का आह्वान भी किया। रविवार सुबह टीम अन्ना की सदस्य रहीं भारतीय पुलिस सेवा की पूर्व अधिकारी किरण बेदी ने भी बाबा रामदेव के मंच से लोगों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा, "विदेशों से कालाधन वापस लाने की जरूरत है। इसके अलावा देश को प्रभावी जन लोकपाल विधेयक की भी जरूरत है।"
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