25 नवंबर को अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने जा रही है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्वजारोहण करेंगे. मंदिर निर्माण की लंबी यात्रा के इस पड़ाव को रामभक्त ‘पूर्णता का क्षण' बता रहे हैं. इस कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित देशभर के हजारों संत और विशिष्ट अतिथि मौजूद रहेंगे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मुख्य शिखर पर ध्वज फहराना मंदिर निर्माण यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक अध्याय है. ध्वजारोहण दोपहर करीब 2 बजे तक चलेगा और इसके लिए पूर्वांचल व आसपास के जिलों से करीब छह हजार चुनिंदा मेहमानों को आमंत्रित किया गया है.
मेहमानों से 24 नवंबर तक पहुंचने का अनुरोध
अयोध्या में भीड़ और अव्यवस्था से बचने के लिए सभी मेहमानों से 24 नवंबर तक पहुंचने का अनुरोध किया गया है. प्रवेश के लिए सुबह 7.30 बजे से 9 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है और अधिकृत पास के साथ आधार कार्ड अनिवार्य होंगे. सुरक्षा कारणों से किसी भी तरह के हथियार या लाइसेंसी रिवॉल्वर को परिसर में अनुमति नहीं दी जाएगी.
कल सीएम योगी लेंगे सुरक्षा व्यवस्था का जायजा
प्रधानमंत्री के आने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 18 नवंबर को खुद अयोध्या पहुंचकर तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा करेंगे. सीएम योगी सुरक्षा, अतिथि व्यवस्थाओं और प्रधानमंत्री के प्रोटोकॉल से जुड़े सभी बिंदुओं की गहन जांच करेंगे. सरकार चाहती है कि यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सांस्कृतिक आस्था का प्रदर्शन बने.
भक्तों के लिए पूरी तरह खोल दिया जाएगा राम मंदिर
ध्वजारोहण के बाद राम मंदिर पहली बार पूरी तरह आम भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा. अभी तक भक्तों को गर्भगृह और प्रथम तल तक ही प्रवेश मिलता था, लेकिन मुख्य शिखर की औपचारिकता पूरी होने के बाद पूरा मंदिर परिसर दर्शनों के लिए उपलब्ध होगा. नौ शिखरों वाले इस दिव्य मंदिर के मुख्य शिखर पर लहराता भगवा ध्वज करोड़ों रामभक्तों के लिए ऐतिहासिक प्रतीक बनने जा रहा है. ट्रस्ट ने मेहमानों के लिए आश्रमों, होम-स्टे और कारसेवकपुरम में विस्तृत आवास व्यवस्था की है. भोजन, पेयजल और प्रसाद की बड़े पैमाने पर व्यवस्था की गई है, जबकि शहर भर में मल्टीलेयर सुरक्षा तैनात रहेगी. पुलिस, PAC, CRPF और खुफिया एजेंसियों की टीमों को हर बिंदु पर तैनात किया गया है. शहर में कई स्थानों पर लगाए गए CCTV कैमरे और ड्रोन लगातार निगरानी करेंगे.
शहर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद
इस आयोजन को लेकर पूरे अयोध्या में उत्साह और आध्यात्मिक ऊर्जा का वातावरण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि देश की सांस्कृतिक विरासत, आस्था और राष्ट्र की चेतना का वैश्विक संदेश माना जा रहा है. चंपत राय के अनुसार, 25 नवंबर का दिन अयोध्या की धार्मिक यात्रा में हमेशा के लिए स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो जाएगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं