नई दिल्ली:
पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने इस्तीफे के लिए सोचने की बात से इंकार किया है। एनडीटीवी को एसएमएस के जरिए दिए जवाब में उन्होंने लिखा है 'Not true'।
राकेश मारिया को कल अचानक मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया। सरकार हालांकि इसे पदोन्नति कह रही है। राज्य के अतिरिक्त गृह सचिव केपी बख्शी के मुताबिक, मारिया के तबादले में कोई जल्दबाजी नहीं की गई है। मारिया को पदोन्नति देकर होमगार्ड का महानिदेशक
(डीजी) बनाया गया है और होमगार्ड के डीजी अहमद जावेद की मुंबई पुलिस आयुक्त का पदभार दिया गया है। इसके लिए मुंबई पुलिस आयुक्त पद जो एडीजी स्तर का था उसे कुछ समय के डीजी स्तर का कर दिया गया है।
पर सवाल है जिस अफसर के प्रमोशन में सिर्फ 22 दिन बचे हों। उसे अचानक से प्रमोट कर होमगार्ड डीजी जैसे कम महत्व के पद पर भेज देना, सामान्य प्रक्रिया कैसे हो सकती है?
ऐसे में मारिया का नाराज होना स्वाभाविक है। जो उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी। मंगलवार को बार-बार पूछने पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। होमगार्ड डीजी का पदभार भी ग्रहण कर लिया।बाउजूद इसके ये चर्चा जोरों पर है कि राकेश मारिया इस्तीफा देने का विचार कर रहे हैं।
मारिया ने इस्तीफे की खबर को गलत बताकर भले ही चर्चा को विराम देने की कोशिश की है, लेकिन उनकी नाराजगी बरक़रार है।
मारिया के साथ मंगलवार को जो हुआ क्या उसकी वजह शीना हत्याकांड में जरूरत से ज्यादा दिलचस्पी है? या कुछ और भी वजह हैं?
चर्चा ये भी है कि मारिया को एनसीपी पार्टी से दोस्ती भारी पड़ी है। वो एनसीपी नेता शरद पवार के काफी करीब माने जाते रहे हैं। बताया जाता है कि वरिष्ठों को दरकिनार कर राकेश मारिया को मुंबई पुलिस आयुक्त बनाने में शरद पवार का ही हाथ था। हालांकि खुद मारिया अपनी सफाई के कह चुके हैं कि वो किसी व्यक्ति विशेष के नहीं सरकार के वफादार हैं।
राकेश मारिया को कल अचानक मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया। सरकार हालांकि इसे पदोन्नति कह रही है। राज्य के अतिरिक्त गृह सचिव केपी बख्शी के मुताबिक, मारिया के तबादले में कोई जल्दबाजी नहीं की गई है। मारिया को पदोन्नति देकर होमगार्ड का महानिदेशक
(डीजी) बनाया गया है और होमगार्ड के डीजी अहमद जावेद की मुंबई पुलिस आयुक्त का पदभार दिया गया है। इसके लिए मुंबई पुलिस आयुक्त पद जो एडीजी स्तर का था उसे कुछ समय के डीजी स्तर का कर दिया गया है।
पर सवाल है जिस अफसर के प्रमोशन में सिर्फ 22 दिन बचे हों। उसे अचानक से प्रमोट कर होमगार्ड डीजी जैसे कम महत्व के पद पर भेज देना, सामान्य प्रक्रिया कैसे हो सकती है?
ऐसे में मारिया का नाराज होना स्वाभाविक है। जो उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी। मंगलवार को बार-बार पूछने पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। होमगार्ड डीजी का पदभार भी ग्रहण कर लिया।बाउजूद इसके ये चर्चा जोरों पर है कि राकेश मारिया इस्तीफा देने का विचार कर रहे हैं।
मारिया ने इस्तीफे की खबर को गलत बताकर भले ही चर्चा को विराम देने की कोशिश की है, लेकिन उनकी नाराजगी बरक़रार है।
मारिया के साथ मंगलवार को जो हुआ क्या उसकी वजह शीना हत्याकांड में जरूरत से ज्यादा दिलचस्पी है? या कुछ और भी वजह हैं?
चर्चा ये भी है कि मारिया को एनसीपी पार्टी से दोस्ती भारी पड़ी है। वो एनसीपी नेता शरद पवार के काफी करीब माने जाते रहे हैं। बताया जाता है कि वरिष्ठों को दरकिनार कर राकेश मारिया को मुंबई पुलिस आयुक्त बनाने में शरद पवार का ही हाथ था। हालांकि खुद मारिया अपनी सफाई के कह चुके हैं कि वो किसी व्यक्ति विशेष के नहीं सरकार के वफादार हैं।
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