राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) को दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनाए जाने का मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया. राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस के कमिश्नर के पद पर नियुक्ति और उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिए जाने को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. सुनवाई के दौरान दिल्ली HC ने केंद्र से पूछा कि क्या आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका किसी और अदालत में भी लंबित है. हाई कोर्ट ने कहा कि वह अपने सामने आई संबंधित याचिका पर सुनवाई 24 अगस्त को भी जारी रखेगा, तब तक केंद्र के वकीलों को इस मुद्दे पर निर्देश लेने के लिए कहा गया. केंद्र की ओर से याचिकाकर्ता के मामले में जनहित याचिका दायर करने को लेकर सवाल उठाया गया.
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मामले में कारर्वाई करने की मांग की है, याचिकाकर्ता का दावा है कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति के लिए निर्धारित किए गए मानदंड को नजरअंदाज किया गया है. आपको बता दें कि गृह मंत्रालय की ओर से राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनाए जाने को लेकर आदेश 27 जुलाई को पारित किया गया था.
वहीं राकेश अस्थाना की बतौर दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई है. ये याचिका CPIL की ओर से प्रशांत भूषण ने दाखिल की है. इस याचिका में अस्थाना की नियुक्ति रद्द करने की मांग की गई है.साथ ही सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश के मुताबिक- दिल्ली पुलिस आयुक्त की नियुक्ति करने को कहा गया है. इससे पहले वकील एमएल शर्मा इस मुद्दे पर एक याचिका दाखिल कर चुके हैं.
गौरतलब है कि राकेश अस्थाना को रिटायरमेंट से चंद दिन पहले दिल्ली का पुलिस आयुक्त नियुक्त किए जाने के मामले में सियासत भी गर्मा गई है. दिल्ली विधानसभा में पिछले महीने अस्थाना की दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है और गृह मंत्रालय से नियुक्ति वापस लेने को कहा है.
आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने विधानसभा में कहा था, 'यह नियुक्ति न केवल असंवैधानिक है बल्कि उच्चतम न्यायालय की अवमानना भी है. 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में कहा गया था कि अगर डीजीपी के लेवल पर किसी की नियुक्ति होनी है, तो उनके रिटायरमेंट में कम से कम 6 महीने का समय होना चाहिए. इस प्रक्रिया में यूपीएससी से सलाह लेने का भी आदेश दिया गया था. इसकी पूरी प्रक्रिया के पालन का आदेश दिया गया था. इस प्रक्रिया के एक भी मानक का पालन राकेश अस्थाना की नियुक्ति में नहीं किया गया है.'
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