
राज्यसभा में गुरुवार को राणा सांगा को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयान पर जमकर हंगामा हुआ. सुमन ने अपने भाषण में राणा सांगा को "गद्दार" करार देते हुए दावा किया था कि उन्होंने मुगल बादशाह बाबर को भारत में इब्राहिम लोदी को हराने के लिए आमंत्रित किया था. इस बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया, खासकर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया जताई.
नियोजित तरीके से दिया गया बयान: डॉ. राधा मोहन दास
बीजेपी के राज्य सभा सांसद डॉ. राधा मोहन दास ने कहा कि रामजी लाल सुमन ने जो उस दिन कहा था अगर उन्होंने महसूस कर लिया होता कि गलती से कर दिया या आवेश में उनके मुंह से निकल गया. और उन्होंने सदन के भीतर या बाहर यह सफाई दी होती कि मैं ऐसा नहीं कहना चाहता था. और कह दिया होता कि मैं बयान के लिए शर्मिंदगी महसूस करता हूं, तो यह मामला खत्म हो जातीं. हैरत की बात है कि सांसद का बयान आता है कि मैं मरते मरते मर जाऊंगा लेकिन अपनी बात वापस नहीं लूंगा. जब तक जीवित रहूंगा, तब तक मैं इस बात को वापस नहीं लूंगा. यह बताता है कि जो कुछ उन्होंने कहा था सोच समझकर कहा था. पूरे होश में कहा था. नियोजित तरीके से कहा था.
डॉ. राधा मोहन दास जब सदन में अपनी बात रख रहे थे तो विपक्षी सदस्यों की तरफ से उन्हें बीच में कई बार टोका गया जिसके बाद उन्होंने कहा कि अगर मैंने हल्ला मचाया तो आप डिस्टर्ब हो जाइएगा.

बीजेपी के अलावा कांग्रेस के नेताओं ने भी बयान की निंदा की है. राजस्थान से कांग्रेस के राज्य सभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि जो कार्यवाही का हिस्सा नहीं रहा (राणा सांगा पर समाजवादी सांसद रामजी लाल सुमन का बयान वह दोहराया नहीं जाना चाहिए. उसी को आज दोहराया जा रहा है.राणा सांगा इस देश के बहादुर थे. हमारे हीरो थे. हम उनका हीरो की तरह सम्मान करते हैं. राणा सांगा किसी भी जाति और धर्म के नहीं, देश के हीरों हैं. मैं राणा सांगा की वीरता को प्रणाम करता हूं. राणा सांगा इस देश के नैशनल हीरो थे.

हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को सभापति ने स्थगित कर दिया. बाहर भी इस मुद्दे ने तूल पकड़ा. राजस्थान और उत्तर प्रदेश में राजपूत संगठनों, विशेष रूप से करणी सेना, ने सुमन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं. करणी सेना ने आगरा में सांसद के घर पर हमला बोला, जिसमें पुलिस से झड़प हुई और कई कार्यकर्ता घायल हो गए. संगठन ने सुमन की सदस्यता रद्द करने की मांग की है.
इतिहासकारों ने भी इस पर बहस छेड़ दी. कुछ का कहना है कि राणा सांगा ने बाबर के खिलाफ खानवा का युद्ध लड़ा था, न कि उसे बुलाया था. इस बीच, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सफाई दी कि उनकी पार्टी किसी समाज का अपमान नहीं करना चाहती.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं