प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से स्वतंत्र प्रत्याशी अनिल अग्रवाल इंजीनियर हैं. इसके अलावा वे एक शिक्षा संस्थान के चेयरमैन हैं. उन्हें बीजेपी ने समर्थन दिया है.
अनिल अग्रवाल गाजियाबाद के निवासी हैं. बीजेपी के समर्थन के कारण उन्हें पार्टी का यूपी में नौवां प्रत्याशी माना जा रहा है. अनिल अग्रवाल 55 वर्ष के हैं. उन्होंने बेंगलुरु से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है. वे गाजियाबाद के एचआरआईटी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन हैं.
यह भी पढ़ें : राज्यसभा चुनाव: यूपी में BJP की सपा-बसपा से एक सीट पर प्रतिष्ठा की लड़ाई, जानें क्या है वोटों का गणित
अनिल अग्रवाल उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम बाबू बनारसी दास के रिश्तेदार हैं. उनके पिता हरिश्चंद अग्रवाल शिक्षक थे. वे हरिद्वार के मूल निवासी हैं और गाजियाबाद में 20-25 साल से रह रहे हैं. उनका एक बेटा अंजुल और एक बेटी प्रियल है. अंजुल शिक्षण संस्थान के मैनेजमेंट में है. अग्रवाल को पिछले साल उत्तर प्रदेश रत्न से सम्मानित किया गया था. अग्रवाल गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रह चुके हैं. साल 2006 में उन्होंने नौकरी छोड़कर शिक्षा संस्थान शुरू किया.
VIDEO : यूपी में दंगल
अनिल अग्रवाल दो साल पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. वे गाजियाबाद नगर निगम में मेयर बनना चाहते थे. बीजेपी ने उन्हें इस चुनाव में टिकट नहीं दिया था. वे 2014 में एमएलसी का चुनाव निर्दलीय लड़ चुके हैं.
अनिल अग्रवाल गाजियाबाद के निवासी हैं. बीजेपी के समर्थन के कारण उन्हें पार्टी का यूपी में नौवां प्रत्याशी माना जा रहा है. अनिल अग्रवाल 55 वर्ष के हैं. उन्होंने बेंगलुरु से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है. वे गाजियाबाद के एचआरआईटी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन हैं.
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अनिल अग्रवाल दो साल पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. वे गाजियाबाद नगर निगम में मेयर बनना चाहते थे. बीजेपी ने उन्हें इस चुनाव में टिकट नहीं दिया था. वे 2014 में एमएलसी का चुनाव निर्दलीय लड़ चुके हैं.
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