विज्ञापन
This Article is From Mar 07, 2024

"युद्ध हो न हो, शांतिकाल में भी युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए" : NDTV डिफेंस समिट में राजनाथ सिंह

NDTV Defence Summit: एनडीटीवी के एडिटर-इन चीफ संजय पुगलिया से खास बातचीत के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इंडो पेसेफिक में भारत की भूमिका पहले से कहीं ज्‍यादा प्रभावी हुई है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में एनडीए 400 के पार जाने वाली है.

अगर कोई भी भारत के साथ नापाक हरकत करने की कोशिश करेगा, तो... राजनाथ सिंह

नई दिल्‍ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने NDTV डिफेंस समिट (NDTV Defence Summit) में शामिल होने पर खुशी जाहिर की. जनता के बीच विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए उन्होंने NDTV को बधाई दी. NDTV डिफेंस समिट में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से एडिटर-इन चीफ संजय पुगलिया के साथ खास बातचीत की. इस दौरान राजनाथ सिंह ने इंडो पेसेफिक में भारत के बढ़ते प्रभाव से लेकर चीन तक पर अपने विचार खुलकर रखे.... 

सवाल: भारत की रक्षा नीति अब लैंड सेंट्रिक की बजाए सी सेंट्रिक हो गई, जिससे नेवी की भूमिका बढ़ी और इंडो पेसिफिक में भारत की भूमिका को लेकर क्‍या कहेंगे?
जवाब: इंडो पेसेफिक में भारत की भूमिका पहले से कहीं ज्‍यादा प्रभावी हुई है. हाल ही में एक घटना हुई थी, जिसमें हमारी नेवी ने जिस तरह का रोल प्‍ले किया, वो बेहद सराहनीय है. इसके लिए मैंने भारतीय नौसेना को बधाई भी दी थी. अगर कोई भी भारत के साथ नापाक हरकत करने की कोशिश करेगा, तो वो किसी भी माध्‍यम से आए, तो भारत के अंदर इतना स्‍ट्रॉन्‍ग विल पॉवर है कि हम उसका मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता रखते हैं.  

सवाल: पहले जब चीन की बात करते थे, तो चुनौती का भाव रहता था, लेकिन अब पब्लिक का मूड है कि ठीक है चीन को भी देख लेंगे, ये क्‍यों बदला है?
जवाब: रक्षामंत्री ने कहा- देखिए, स्‍ट्रॉन्‍ग विल पावर चाहिए.... लीडरशिप मजबूत होगी, तो स्‍वाभाविक रूप से जनता का विश्‍वास भी बढ़ेगा. मैं समझता हूं कि सबसे बड़ी वजह लोगों का विश्‍वास बढ़ने की यही है. फिर हमने अपनी सेना का आत्‍मविश्‍वास ऊपर रखने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं.

सवाल: रक्षा सामग्री की खरीददारी में पहले भारत हिचक कर काम करता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. इसके पीछे क्‍या वजह रही है? 
जवाब: राजनाथ सिंह ने कहा, "किसी पड़ोसी के साथ युद्ध की स्थिति हो या ना हो, लेकिन हमें हमेशा से युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए है. चाहे शांति का काल ही क्‍यों न हो, हमारी तैयारी हमेशा पूरी रहनी चाहिए. भारत का चरित्र ही यही रहा है. भारत के इतिहास के पन्‍नों को उठाकर भी कोई देखे, तो पाएंगे हमने न कभी देश पर आक्रमण किया है और न किसी देश की एक इंच जमीन पर भी भारत ने कब्‍जा किया है. लेकिन भारत को यदि कोई आंख दिखाएगा, तो भारत अब ऐसी स्थिति में है कि माकूल जवाब दे सकता है." 

Latest and Breaking News on NDTV

सवाल: निजी क्षेत्र में व्‍यापार को सुगम बनाने के लिए मोदी सरकार ने काफी काम किया है, लेकिन ऐसा लगता है कि इस दिशा में और मजबूती देने के लिए और काम करने की जरूरत है?
जवाब: राजनाथ सिंह ने कहा-  निजी क्षेत्र का कॉन्फिडेंस पहले से बढ़ा है, इस सच्‍चाई को कोई नकार नहीं सक‍ता है. हम कभी भी इस कॉन्फिडेंस को और बढ़ाने के लिए जो फैसले लेने होते हैं, उसमें नहीं हिचकते हैं. हम हमेशा नए सुझाव भी लगातार मांगते रहते हैं. उद्योग जगत से जुड़े लोगों से लगातार मेरी बातचीत होती रहती है. मेरे सामने सभी अपनी खुशी का इजहार करते हैं. हालांकि, मैं हमेशा लोगों से नए विचार जानने की कोशिश करता हूं. मैं उनसे कहता हूं कि भारत का निर्यात बढ़ाने के सुझाव दें.

सवाल:  रक्षा मंत्री के नाते बड़ा जरूरी है कि आपका निशाना अचूक बैठना चाहिए. मैं चार नंबर आपके सामने रखता हूं, उसमें से एक चुनिएगा- 273, 304, 370 या 400...? 
जवाब : राजनाथ सिंह हंसते हुए... एनडीए 400 के पार और बीजेपी 370 पार. 370 को तो बड़ी अच्‍छी तरह समझते होंगे आप.   

सवाल: किसी चुनाव से पहले मीडिया जो अनुमान लगाती है, आमतौर पर बीजेपी उससे पार निकल जाती है, इसका गणित क्‍या है, पश्चिम बंगाल, महाराष्‍ट्र, दक्षिण और बिहार ये कठिन डगर है भाजपा के लिए.
जवाब: राजनाथ ने कहा- बिल्‍कुल कठिन नहीं है. आपने देखा होगा कि 2014 से पहले पश्चिम बंगाल में हमारी स्थिति कैसी रहती थी. तब एक भी सीट हमको नहीं मिलती थी. पांच साल बाद 2019 में जब लोकसभा चुनाव हुआ, तो हमें 18-19 सीटों पर विजय प्राप्‍त हुई. इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को 20 से 25 सीटों के बीच में जीत दर्ज हो. इसके अलावा अन्‍य राज्‍यों में भी पीएम मोदी के नेतृत्‍व पर आम जनता का भरोसा बढ़ा है. 

Latest and Breaking News on NDTV

सवाल: भाजपा में सबसे ज्‍यादा विपक्षी नेता इंपोर्ट हुए हैं, इसके बारे में क्‍या कहेंगे?   
जवाब: रक्षा मंत्री ने कहा- विपक्षी नेताओं में भी बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो चाहते हैं कि देश आगे बढ़ना चाहिए. ऐसे नेताओं को लगता है कि उनकी पार्टी इस समय देश को आगे ले जाने में सक्षम नहीं है. भाजपा इस समय अकेली ऐसी पार्टी है, जो देश को आगे ले जा सकती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में देश तेजी से तरक्‍की कर सकता है, तो इसी सोच के साथ विपक्षी नेता भाजपा में शामिल होने आ रहे हैं. ऐसी सोच वाले लोगों का हम स्‍वागत कर रहे हैं. 

सवाल:  भाजपा हर चुनाव में बूथ लेवल तक और आखिरी वोटर तक पहुंचने की कोशिश करती है... इस बार हम रणनीति में क्‍या नया देख पाएंगे?
जवाब: देखिए, हमारे ग्रासरूट पर काम करने वाले कार्यकर्ता से भी यह आग्रह रहता है कि हर वोटर तक पहुंचे की कोशिश करें. वोटरों से बातचीत हमेशा चलती रहती चाहिए. हमारे कार्यकर्ताओं में सबसे नीचे पन्‍ना प्रमुख होता है. पन्‍ना प्रमुख को किसी क्षेत्र में सिर्फ 10 से 15 घरों के लोगों से संपर्क करना होता है. वह लगातार इन घरों के लोगों से बातचीत करता रहता है. ये बहुत काम करता है. हमारा 'टॉप टू बॉटम' का हमारा सिस्‍टम बेहद प्रभावशाली है. इसका बहुत लाभ होता है.  

सवाल: पन्‍ना प्रमुख से भी आगे... अब भाजपा लाभार्थी प्रमुख तक पहुंच बन गई, इससे वोटरों का ध्रुवीकरण हुआ है.
जवाब: राजनाथ सिंह ने कहा-  ऐसा नहीं है, हमारा पन्‍ना प्रमुख ही लाभार्थियों तक भी पहुंचता है. सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने से कोई चूक न जाए, इसके लिए पिछले दिनों हमने 'संकल्‍प यात्रा' भी निकाली थी. इस दौरान हमने जगह-जगह जाकर लोगों से पूछा था कि कहीं वे योजना का लाभ उठाने से चूक तो नहीं गए हैं? सरकार की योजनाओं का जिसको लाभ मिलना चाहिए, कहीं वो इससे वंचित तो नहीं रह गया है, इसका हमने ध्‍यान रखा है. अगर कोई इस दौरान हमें मिला, तो उसे तुरंत योजना से लाभांवित कराया.

Latest and Breaking News on NDTV

सवाल : भाजपा कितनी जिम्‍मेदार पार्टी है, ये इससे पता चलता है कि आसनसोल से एक उम्‍मीदवार उतारा और उसे 48 घंटों में बदल दिया. इसके पीछे क्‍या सोच रहती है?
जवाब : रक्षामंत्री ने कहा- हमारी सोच यह रहती है कि स्‍वस्‍थ लोकतंत्र में हमारे कार्यकर्ताओं द्वारा कुछ ऐसा न कहा जाए, जो आपमानजनक हो या फिर किसी को नुकसान पहुंचे. किसी, व्‍यक्ति, समाज या संस्‍था को चोट पहुंचाने वाला न हो. यह सावधानी बरतनी चाहिए. इस मामले में हमें कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ी, उस उम्‍मीदवार ने स्‍वयं ही ऐसा कर लिया. 

सवाल: आप लखनऊ से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन अभी तक समाजवादी पार्टी-कांग्रेस ने कोई उम्‍मीदवार वहां से नहीं उतारा है? 
जवाब: हंसते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, सपा-कांग्रेस भी लखनऊ से उम्‍मीदवार उतारेंगे... उन्‍हें उम्‍मीवार मिल जाएंगे. इसके बाद जनता पर निर्भर करता है कि वे क्‍या निर्णय लेते हैं. मैं हमेशा जमीन पर रहकर काम करने में विश्‍वास रखता हूं. हालांकि, 2019 के बाद से मुझे चुनाव प्रचार में जितना समय अपने संसदीय क्षेत्र में देना चाहिए, मैं नहीं दे पाता हूं. मैं अपने आपको सौभाग्‍यशाली मानता हूं कि मैं जहां से भी चुनाव लड़ा हूं, मुझे जनता का भरपूर प्‍यार मिला है. 

सवाल: दक्षिण भारत को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से लेकर अन्‍य भाजपा नेताओं की सक्रियता कमाल की है. पहले साउथ Vs नॉर्थ या साउथ एंड नॉर्थ कहा जाता था, लेकिन अब साउथ और नॉर्थ का अजीब-सा इंटिग्रेशन प्‍लान भाजपा की ओर से देखने को मिल रहा है, इसके बारे में क्‍या कहेंगे?
जवाब : रक्षा मंत्री ने कहा- नॉर्थ और साउथ के डिवाइड की बात पहले भी बहुत सारी राजनीतिक पार्टियां करती रही हैं. लेकिन मैं सोचता हूं कि अब यह डिवाइड की बात करने की हिम्‍मत कोई नहीं कर पाएगा. पहले मैंने ऐसा महसूस किया था कि पहले साउथ के कुछ नेताओं के दिमाग में यह बातें रहती भी थीं. लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिस तरह की अप्रोच रही है... काम करने का जो तरीका है, उससे अंतर की जो भावना रहती थी, अब वो लगभग समाप्‍त हो गई है. हमारे प्रधानमंत्री के प्रति और हमारी पार्टी के प्रति बड़ी तेजी से साउथ के लोगों का रुझान बढ़ा है. 

सवाल: दक्षिण भारत के राज्‍यों तमिलनाडु और केरल में भाजपा कुछ ज्‍यादा मेहनत कर रही है?
जवाब: राजनाथ सिंह ने कहा- मेहनत तो हम सभी राज्‍यों में करते हैं. किसी राज्‍य में एक भी सीट आती हो या न आती हो, वहां भी मेहनत करते हैं और जहां 100 परर्सेंट रिजल्‍ट हासिल होता है, वहां भी मेहनत करते हैं. 

सवाल: आपके साथ गठबंधन में काफी दल हैं, इसके बावजूद आप रुक नहीं रहे हैं. पहले नीतीश कुमार, फिर नवीन पटनायक और लगता है कि दक्षिण से भी आप अपने साथ किसी को लेकर आ जाएंगे? 
जवाब:  नंबर ऑफ अलायंस उसी के साथ बढ़ेंगे, जिसका दिल बड़ा होगा. छोटे दिल वालों के पास इतने लोग नहीं जा सकते हैं. हमारी हमेशा पॉजिटिव अप्रोच रहती है, जिससे हमारी सीट ज्‍यादा से ज्‍यादा बढ़ सकें. अधिक से अधिक हम जनता का विश्‍वास हासिल कर सकें. हमारा प्रयत्‍न यही रहता है. 

सवाल: भाजपा 'कांग्रेस मुक्‍त भारत' का नारा देती रही है, लेकिन लगता है कि 'विपक्ष मुक्‍त भारत' हो जाएगा?
जवाब: हम चाहते हैं कि विपक्ष रहे, अब ये उन लोगों की जिम्‍मेदारी है कि अपना अस्तित्‍व कैसे बचाए रखते हैं. हम सभी सीटें जीत भी जाएं, तब भी हमारी कोशिश रहेगी कि भारत के स्‍वास्‍थ लोकतंत्र पर कोई प्रश्‍न चिह्न न लगने पाए.    

ये भी पढ़ें:- 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com